लुसैल। कैरियर के आखिरी पड़ाव पर विश्व कप जीतने का सपना लिये लियोनेल मेस्सी और युवा जूलियन अलवारेज के शानदार प्रदर्शन के दम पर अर्जेंटीना ने क्रोएशिया को 3 . 0 से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया जहां उसका सामना फ्रांस या मोरक्को से होगा।
पहले मैच में सउदी अरब से अप्रत्याशित हार के बाद अर्जेंटीना ने जो वापसी की, वह किसी परीकथा से कम नहीं है। आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहे अपने देश के साथ दुनिया भर में अपने प्रशंसकों को मेस्सी एंड कंपनी ने जश्न मनाने का मौका दे दिया।
मैच के दौरान एकबारगी तो सांसें थम गई जब मेस्सी झुके और अपनी बायीं हैमस्ट्रिंग को कसकर पकड़ते नजर आये। इससे फुटबॉल जगत और खासकर अर्जेंटीना के प्रशंसकों में दहशत फैल गई। क्या फुटबॉल का यह सुपरस्टार सेमीफाइनल बीच में ही छोड़ देगा , यही सवाल सभी के जेहन में कौंध गया। लेकिन क्रोएशिया की किस्मत इतनी अच्छी नहीं थी।
मेस्सी न सिर्फ खेले बल्कि विश्व कप में रिकॉर्ड 25वें मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उन्होंने एक पेनल्टी पर गोल दागा और अलवारेज के दो गोल में सूत्रधार की भूमिका निभाई। इसके साथ ही दुनिया भर में मेस्सी और अर्जेंटीना के समर्थक जश्न में डूब गए जो अब रविवार को फाइनल के साथ ही थमेगा।
अलवारेज विश्व कप सेमीफाइनल में दो गोल करने वाले 1958 के बाद दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी हैं। पेले ने 1958 में 17 वर्ष की उम्र में यह कारनामा किया था।
मैच के बाद मेस्सी ने कहा ,‘‘ मेरे दिमाग में बहुत कुछ चल रहा है। काफी जज्बाती पल है। प्रशंसकों और परिवार का यूं समर्थन, पूरे टूर्नामेंट में। यह अद्भुत है। हम फाइनल में पहुंच गए और हम यही चाहते थे।’’
मेस्सी का यह दूसरा और आखिरी विश्व कप फाइनल होगा। इससे पहले 2014 में अर्जेंटीना को जर्मनी ने हरा दिया था।
अब उनके पास खिताब के साथ फुटबॉल को अलविदा कहने का सुनहरा मौका है।
35 वर्ष की उम्र में जिस तरह फुर्ती और कलात्मकता के साथ मेस्सी ने 69वें मिनट में अलवारेज को दूसरे गोल के लिये गेंद सौंपी, वह उनके आत्मविश्वास और हुनर की कहानी कहता है। अब तक इस विश्व कप में छह मैचों में वह खुद पांच गोल कर चुके हैं।
अर्जेंटीना के कोच लियोनेल स्कालोनीमैच के बाद अपने आंसू नहीं रोक सके। उन्होंने कहा ,‘‘ मैं फख्र महसूस करता हूं कि उसका कोच हूं और उसे खेलते देखा। उससे दूसरे खिलाड़ियों, प्रशंसकों और पूरी दुनिया को प्रेरणा मिलती है।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ जूलियन ने शानदार प्रदर्शन किया। उसने सिर्फ दो गोल ही नहीं किये बल्कि हमारे मिडफील्डर्स की मदद भी की।
इतनी कम उम्र में ऐसा खेल काबिले तारीफ है।’’
इस हार के साथ ही क्रोएशिया का लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया जिसने 34वें मिनट से पांच मिनट के भीतर दो गोल गंवाये। पहले मेस्सी ने पेनल्टी को तब्दील किया और फिर अलवारेज ने दूसरा गोल दागा और मैच का परिणाम साफ हो गया।
नॉकआउट चरण में जापान और ब्राजील को पेनल्टी शूटआउट में हराने वाली क्रोएशिया के स्टार मिडफील्डर 37 वर्ष के लुका मोडरिच का भी यह आखिरी विश्व कप मैच रहा।
उनकी जगह 81वें मिनट में दूसरे खिलाड़ी को उतारा गया।
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क्रोएशिया के कोच ज्लात्को डालिच ने कहा ,‘‘ पहला गोल मैच को दूसरी दिशा में ले गया। यह वही मेस्सी है जिसे सभी देखना चाहते हैं।’’
अर्जेंटीना ने विश्व कप सेमीफाइनल नहीं हारने का अपना रिकॉर्ड कायम रखा और छठी बार फाइनल में पहुंची। मेस्सी के नाम अर्जेटीना के लिये विश्व कप में सर्वाधिक 11 गोल हो गए हैं। उन्होंने गैब्रियल बतिस्तुता का रिकॉर्ड तोड़ा। विश्व कप में सर्वाधिक 25 मैच खेलने के जर्मनी के लोथार मथाउस के रिकॉर्ड की भी उन्होंने बराबरी कर ली।
वहीं अलवारेज के चार गोल हो गए हैं जो मेस्सी और काइलियान एमबाप्पे से एक गोल पीछे हैं।रविवार को फिर एक बार इसी मैदान पर फाइनल में पूरी दुनिया की नजरें मेस्सी और अलवारेज पर टिकी होंगी।