चीन जितने धोखा देने में माहिर है उतना ही सच छुपाने में भी उस्ताद है। तवांग झड़प के चीन के इसी छल का सबूत है। आखिर क्यों चीन ने एलएसी पर भारत से बैर बढ़ाया। इसका कारण है चीन में तेजी से फैलता कोराना। पूरी दुनिया चीन में कोरोना विस्फोट की आशंका जता रही है। कई विशेषज्ञों का दावा है कि चीन में हालात 2019 से भी बदतर हैं। वहीं चीन के अस्पतालों के हालात भी कुछ वैसे ही नजर आ रहे हैं जैसे की कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भारत में देखने को मिले थे। मरीजों की संख्या इतनी हो गई है कि उन्हें जमीन पर लिटाना पड़ रहा है।
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जा सकती है 20 लाख लोगों की जान
ये तो कुछ भी नहीं है। अमुमान है कि चीन में कोरोना से 20 लाख लोगों की मौत हो सकती है। इसके अलावा 80 करोड़ लोग संक्रमित हो सकते हैं। पूर्वोत्तर चीन में अस्पतालों में लाशों का अंबार लग गया है लेकिन सरकार उसे छिपाने में जुट गई है। वहीं स्वास्थ्य अधिकारी की माने तो चीन इस सर्दी में कोविड संक्रमण की तीन संभावित लहरों में से पहली लहर का अनुभव कर रहा है।
शवदाहगृह पर बढ़ा दवाब
चीन में एक बार फिर से भयावह हालात है। ये हालात बता रहे हैं कि वहां कोविड एक बार फिर से चरम पर है। चीन में कोविड से बढ़ती मौतों के बाद शवदाह गृहों पर काफी दवाब बढ़ गया है। बीजिंग के 2 फ्यूनरल होम्स 24 घंटे ऑपरेट हो रहे हैं। एक दिन में 20-20 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। फ्यूनरल होम के 10 में से सात स्टॉफ कोविड पॉजिटिव होने के बावजूद काम में जुटे हैं।
⚠️THERMONUCLEAR BAD—Hospitals completely overwhelmed in China ever since restrictions dropped. Epidemiologist estimate >60% of 🇨🇳 & 10% of Earth’s population likely infected over next 90 days. Deaths likely in the millions—plural. This is just the start—🧵pic.twitter.com/VAEvF0ALg9
— Eric Feigl-Ding (@DrEricDing) December 19, 2022