पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी टिप्पणी करते हुए उनके खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। इसके बाद से भारत के नेताओं ने जबरदस्त तरीके से पाकिस्तान और वहां के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो का विरोध किया था। इतना ही नहीं, राजनयिक स्तर पर भी इस विरोध को दर्ज कराया गया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री की चौतरफा आलोचना भी होती दिखाई दी। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी और बढ़ गई। इन सब के बीच अब अमेरिका का भी रिएक्शन आ गया। अमेरिका की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि हमारे लिए दोनों देश अच्छे साझेदार हैं और हम नहीं चाहते कि दोनों देशों के बीच किसी तरह का वाकयुद्ध हो। आपको बता दें कि बिलावल भुट्टो ने मर्यादाओं की सभी हदों को लांघते हुए पीएम मोदी पर निजी हमला किया था और उन्हें गुजरात का कसाई कहा था।
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इसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से आपत्ति जताई गई थी। इसे पाकिस्तान का असभ्य बयान भी कहा गया था। इन सबके बीच अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान को लेकर अपना रिएक्शन दिया है। दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस अपना प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। इसी दौरान उनसे बिलावल भुट्टो के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई। इसके जवाब में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमारी भारत के साथ वैश्विक सामरिक साझेदारी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे पाकिस्तान के साथ गहरे संबंध भी हैं। उन्होंने आगे कहा कि संबंधों का मतलब किसी एक का फायदा और दूसरे का नुकसान नहीं है। हम इन्हें एक दूसरे से जोड़कर भी नहीं देखते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि दोनों देश हमारे साझा लक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं।
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इसके साथ ही नेड प्राइस ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ मतभेद हैं जिन्हें निश्चित तौर पर दूर करने की जरूरत है। अमेरिका एक साझेदार के रूप में दोनों की मदद करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हमने भारत के साथ अपनी वैश्विक सामरिक साझेदारी को मजबूत किया है, हमारा ऐसा रिश्ता भी है जिसमें हम एक-दूसरे से खुलकर बात कर सकते हैं। हमारे बीच असहमति या चिंता हो सकती है, हम उनसे ऐसे ही बात करते हैं जैसे कि हम अपने पाकिस्तानी मित्रों से करते हैं।’’ एक अन्य सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है’ तो दुनियाभर के देशों ने इस बयान का स्वागत किया था।