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UP: मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर-गाजियाबाद दुनिया के टॉप-100 प्रदूषित शहरों में शामिल, जानें बरेली का हाल

Bareilly News: दुनिया के 100 प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ,और गाजियाबाद शामिल हो गए हैं. मंगलवार सुबह मुजफ्फरनगर की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 407, मेरठ का एक्यूआई 351, गाजियाबाद का एक्यूआई 344, और सहारनपुर का एक्यूआई 339 है. दुनिया के टॉप-100 प्रदूषित शहरों में मुंगालिया देश का दुजुहरा शहर नंबर एक पर है.

दुजुहरा शहर का एक्यूआई 618, चीन का याकू शहर 474 एक्यूआई के साथ दूसरे नंबर पर है. भारत का दीशपुर शहर 456 एक्यूआई के साथ 5वें स्थान पर है. दुनिया के टॉप 100 प्रदूषित शहरों में देश की राजधानी दिल्ली 28वें स्थान पर है. दिल्ली का एक्यूआई 384 है. यूपी का मुजफ्फरनगर 17वें, मेरठ 56वें, गाजियाबाद 67वें और सहारानपुर 74वें स्थान पर है. यह काफी चिंता की बात है.

बरेली का एक्यूआई भी लगातार बढ़ रहा है, जोकि सोमवार रात 192 तक पहुंच गया था, लेकिन मंगलवार को एक्यूआई 162 है, जो काफी खराब स्थिति में है. बरेली की आबोहवा काफी तेजी से खराब हो रही है. हवा से खत्म होती ऑक्सीजन लोगों को बीमार कर रही है. बरेली का एक्यूआई खराब स्थिति में है. मगर, इसमें शहर के सुभाषनगर का एक्यूआइ 163, सिविल लाइंस, और राजेंद्रनगर का एक्यूआइ 161 है.

इसके साथ ही पीएम 2.5 सिविल लाइंस का 75, राजेंद्र नगर का 75, और सुभाषनगर का 79 है, जो काफी बताया जा रहा है. शहर का पीएम 10 सिविल लाइंस का 131, राजेंद्र नगर का 155 और सुभाषनगर का 142 हो गया है. बरेली शहर की हवा का एक्यूआई बढ़ने से हवा जहरीली हो गई है. अगर, यही हालत रही तो बरेली का एक्यूआई मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, और दिल्ली की स्थिति में आ जाएगा.

शहर की तमाम सड़क खुदी पड़ी हैं, तो वहीं कुतुबखाना ओवरब्रिज का निर्माण चल रहा है. निर्माण कार्यों के चलते वाहनों का लंबा जाम लगता है. इससे उड़ती धूल, वाहनों के धुंए ने हवा को जहरीला कर दिया है.

शहर का एक्यूआई बढ़ने से बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर काफी असर पड़ रहा है. ऐसे में घरों से निकलने में एहतियात बरतने की जरूरत है. लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है. डॉक्टर एन-95 मास्क लगाकर घर से निकलने की सलाह दे रहे हैं. क्योंकि, बरेली में सांस के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.

एक्यूआई बढ़ने से सांस की बीमारी और अस्थमा हो सकता है. इसलिए फेफड़ों की मजबूती के लिए भुजंगासन यानी कोबरा योग करें. इस योग के अभ्यास से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं. धनुरासन योग भी अच्छा है. इससे फेफड़े साफ होते हैं. सुखांगसन योग से फेफड़ों के कार्य को बढ़ावा मिलता है. एक्यूआई बढ़ने से बरेली में सांस, और अस्थमा के मरीज बढ़ रहे हैं.

अगर कहीं 0 से 50 AQI है, तो यह बहुत अच्छी बात है. इससे सेहत पर कम असर होता है. 51-100 AQI भी ठीक है, लेकिन संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत हो सकती है. 101 के बाद ठीक नहीं है.101 से 200 AQI से फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत होती है. 201-300 AQI काफी खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत होना तय है. 301-400 AQI बहुत खराब है. लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा होता है. 401-500 AQI सबसे अधिक खतरनाक है. इंसान की सेहत पर सबसे अधिक खराब होती है.

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रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

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