तालिबान ने सोमवार को 1971 में भारतीय बलों के सामने देश के सैन्य आत्मसमर्पण की एक तस्वीर साझा करके पाकिस्तान का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान ने उन पर सैन्य हमला किया तो इस्लामाबाद को उसी “शर्मनाक” हालत का सामना करना पड़ेगा। एक ट्विटर पोस्ट में तालिबान नेता अहमद यासिर ने पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह द्वारा हाल ही में अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों के खिलाफ संभावित सैन्य अभियान के संकेत के बाद इस्लामाबाद को “अपमान” से बचने की नसीहत दी है।
इसे भी पढ़ें: भारत-पाक सीमा पर ड्रोन से तस्करी का प्रयास, 1 किलो नशीला पदार्थ बराम
अहमद यासिर ने अपने ट्विटर पोस्ट में कहा कि पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री! बहुत बढ़िया सर! सीरिया में कुर्दों को निशाना बनाने के लिए अफगानिस्तान, सीरिया और पाकिस्तान तुर्की नहीं हैं। यह अफगानिस्तान है, गर्वित साम्राज्यों का कब्रिस्तान। हम पर सैन्य हमले के बारे में न सोचें, अन्यथा भारत के साथ सैन्य समझौते की शर्मनाक पुनरावृत्ति होगी।
इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान के नेतृत्व ने आतंकवाद के प्रति ‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने’ का संकल्प लिया
बता दें कि साल 1971 की जंग में पाकिस्तान को भारत के हाथों हार मूली थी। भारत से बुरी तरह पिटने के बाद पाकिस्तान ने अपनी हार मान ली थी। उस वक्त पाकिस्तान के 80 हजार से ज्यादा सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। जिसके बाद पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने भारतीय सेना प्रमुख के सामने सरेंडर के कागजात पर हस्ताक्षर किये थे।
د پاکستان داخله وزیر ته ! عالي جنابه! افغانستان سوريه او پاکستان ترکیه نده چې کردان په سوریه کې په نښه کړي. دا افغانستان دى د مغرورو امپراتوريو هديره. په مونږ دنظامي يرغل سوچ مه کړه کنه دهند سره دکړې نظامي معاهدې د شرم تکرار به وي داخاوره مالک لري هغه چې ستا بادار يې په ګونډو کړ. pic.twitter.com/FFu8DyBgio