यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य देश चीन में उत्पन्न कोविड-19 संकट से निपटने के लिए बुधवार को समन्वित प्रयास को धार दे रहे हैं और यात्रा संबंधी प्रतिबंधों पर विचार कर रहे हैं जो चीन और वैश्विक विमानन उद्योग दोनों को ही असहज करेगा।
चीन पहले ही कुछ यूरोपीय संघ देशों द्वारा लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों को खारिज कर चुका है और उसने चेतावनी दी है कि अगर आने वाले दिनों में यह चलन बढ़ा तो ‘जवाबी कदम’ उठाए जाएंगे।
ईयू आयोग के प्रवक्ता टिम मैक्फी ने कहा कि चीन से रवाना होने से पहले जांच को अनिवार्य बनाने के पक्ष में ‘अधिकतर देश हैं।’’
ईयू देश दिन में इस विषय पर आधिकारिक रूख की मांग कर रहे हैं।
चीन की सरकार और यूरोपीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा था कि यात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं है क्योंकि चीन में वायरस का जो स्वरूप फैल रहा है,वह पहले से ही यूरोप में मौजूद है।
दुनिया की करीब 300 विमानन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) ने बुधवार को किसी भी प्रतिबंध का सख्ती से विरोध किया।
आईएटीए के निदेशक जनरल विल्ली वाल्श ने कहा, ‘‘यह हताश करने वाला है कि उस कठोर कदम को उठाने की कोशिश की जा रही है जो पिछले तीन साल में निष्प्रभावी साबित हुई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ओमीक्रोन स्वरूप आने के बाद हुए अनुसंधानों में निष्कर्ष निकला कि यात्रा पर पाबंदी लगाने से संक्रमण के चरम पर पहुंचने की परिपाटी में कोई बदलाव नहीं आता, बस इससे कुछ दिनों की देरी होती है।’’
मंगलवार को जवाबी कदम उठाने की धमकी देने के बाद चीन की सरकार के प्रवक्ता माओ निंग ने बुधवार को कहा कि ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि सभी पक्ष केवल महामारी से लड़ने पर ध्यान केंद्रित करेंगे और कोविड का राजनीतिकरण करने से बचेंगे।’’
इसके बावजूद ऐसा प्रतीत होता है कि ईयू संयुक्त कदम उठाने जा रहा है ताकि चीन से आने वाले यात्रियों सेकोरोना वायरस के किसी संभावित नए स्वरूप के यूरोप पहुंचने से रोका जा सके।
ईयू की अध्यक्षता कर रहे स्वीडन ने कहा कि ‘‘चीन से आने वाले यात्रियों को फैसले के लिए तैयार रहना चाहिए, जो जल्द लिया जाएगा।