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टीपीसीआई ने कहा कि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं

भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) ने भारत के कृषि निर्यात की स्वस्थ वृद्धि दर का जिक्र करते हुए कहा है कि प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग को प्राथमिकता देनी होगी क्योंकि इसमें देश से निर्यात बढ़ाने की अपार क्षमता है।
प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए टीपीसीआई ने हैदराबाद में तीन दिवसीय इंडसफूड एक्सपो का आयोजन किया है। वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल और मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्रीकर के रेड्डी ने रविवार को इसका उद्घाटन किया।
एक बयान के मुताबिक, इस अवसर पर अग्रवाल ने कहा कि खाद्य और पेय उद्योग में वैश्विक ब्रांड बनाने की आवश्यकता है।

अग्रवाल ने कहा, हमें पहले 50 ब्रांड तैयार करने चाहिए और फिर हम अपना काम अच्छी तरह कर पाएंगे। हमें वैश्विक स्तर पर सोचना चाहिए और ब्रांड बनाने चाहिए। हमें इस बात पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए कि विदेशों में भारतीय व्यंजनों को किस तरह बढ़ावा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि भारत कृषि निर्यात के मोर्चे पर बेहतर कर रहा है लेकिन प्रसंस्कृत खाद्य श्रेणी के वैश्विक निर्यात में भारत का हिस्सा एक प्रतिशत से भी कम है।

उन्होंने कहा, हमें वैश्विक बाजार में अपना हिस्सा 10 प्रतिशत तक ले जाने की आकांक्षा रखनी चाहिए। वर्तमान में देश का खाद्य और पेय पदार्थ निर्यात 42 अरब डॉलर है।
टीपीसीआई के संस्थापक चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि इंडसफूड एक्सपो में फ्रेंच गिनी, मंगोलिया, पापुआ न्यू गिनी, रीयूनियन, सेशेल्स, सिएरा लियोन, सिंट मार्टेन, सीरिया, टोगो और तुर्कमेनिस्तान जैसे देशों से संस्थागत खरीदार आए हैं।
तेलंगाना में एक्सपो के पहले संस्करण में 80 से अधिक देशों के 1,300 से अधिक खरीदार 600 से अधिक भारतीय प्रदर्शकों के साथ जुड़ रहे हैं।

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