Breaking News
-
इज़राइली वायु सेना के जेट विमानों ने शनिवार को लेबनान में हमास आतंकवादी समूह की…
-
लगभग मलबे में तब्दील हो चुके गाजा में लड़ाई के साथ-साथ इजराइली सैनिक दक्षिणी लेबनान…
-
विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि विदेश मंत्री एस जयशंकर 15-16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग…
-
श्रीनगर । नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव…
-
ढाका । बांग्लादेश के अंतरिम नेता, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने रोहिंग्या शरणार्थियों को…
-
इस्लामाबाद । पाकिस्तान सरकार ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर बैठक के दौरान राजधानी इस्लामाबाद…
-
इस्लामाबाद । जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी की विरोध…
-
आजकल अनियमित लाइफस्टाइल के कारण नींद से जुड़ी दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। लोगों के…
-
कब्ज एक ऐसी स्थिति है जिसमें मल त्याग करने में कठिनाई होती है, जिसके लिए…
-
ईरान और हिजबुल्लाह के साथ इजरायल की जंग लगातार बढ़ती ही जा रही है। लेकिन…
राउरकेला। अपने चौथे और घरेलू सरजमीं पर तीसरे एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप में खेलने की तैयारी कर रहे भारत के अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश को लगता है कि उनकी टीम पिछले टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है और यहां तक कि इस बार पोडियम के शीर्ष पर जगह बना सकती है। प्रतिष्ठित हॉकी विश्व कप शुक्रवार से यहां शुरू होगा। भारत 2018 के टूर्नामेंट में दो मैच जीतकर और एक ड्रॉ करने के बाद अपने पूल में शीर्ष पर था लेकिन क्वार्टर फाइनल में तब उप विजेता रहे नीदरलैंड से 2-1 से हार गया था।
तब टूर्नामेंट भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में खेला गया था जो इस बार भी दो आयोजन स्थलों में से एक है। स्पेन के खिलाफ शुक्रवार को ग्रुप डी के भारत के पहले मैच से पूर्व श्रीजेश ने कहा कि अपने देश के लिए चौथा विश्व कप खेलना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है और खास बात यह है कि घरेलू सरजमीं पर यह मेरा तीसरा विश्व कप है। मुझे नहीं लगता कि किसी खिलाड़ी को घरेलू मैदान पर तीन विश्व कप खेलने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि 2018 में हम सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सके थे। अब हमारे पास इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में अपनी किस्मत बदलने का एक और मौका है। उम्मीद है कि हम अपने पिछले प्रदर्शन में सुधार कर पाएंगे और शीर्ष पर जगह बना पाएंगे।
अजीत पाल सिंह की कप्तानी में कुआलालंपुर में 1975 के टूर्नामेंट में स्वर्ण जीतने के बाद से भारत 48 वर्षों में पोडियम पर जगह नहीं बना पाया है। मनप्रीत सिंह के बाद टीम में शामिल सबसे अनुभवी खिलाड़ी 34 वर्षीय श्रीजेश ने कहा कि आप कितनी बार विश्व कप में खेले इससे अधिक नतीजा मायने रखता है। तोक्यो ओलंपिक में भारत के कांस्य पदक जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले श्रीजेश ने कहा कि मैंने हमेशा महसूस किया है कि यह मायने नहीं रखता है कि आपने कितनी बार एक टूर्नामेंट खेला है बल्कि यह ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आपने इसे जीता है या नहीं। इस बार भी मेरे लिए महत्वूपर्ण है कि मैं अपना शत प्रतिशत दूं और टूर्नामेंट से वांछित परिणाम हासिल करूं।
एफआईएच के साल के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर चुने गए श्रीजेश ने याद किया जब पहली बार विश्व कप में खेलते हुए उन्हें 2010 में नयी दिल्ली में मुख्य कोच ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ गोलकीपर की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि विश्व कप में मेरा पहला मैच पाकिस्तान के खिलाफ था। मुझे अभी भी याद है। टीम मीटिंग के दौरान हमारे कोच ने कहा था कि पाकिस्तान गोलकीपर एड्रियन (डिसूजा) के लिए पूरी तरह से तैयार होकर आएगा, इसलिए उन्होंने मुझे उनके खिलाफ मैच में खिलाने का फैसला किया। श्रीजेश ने कहा कि जब उन्होंने मुझे खेलने के लिए कहा तो एक मौका मिलने की भावना अविश्वसनीय थी। पाकिस्तान के खिलाफ खचाखच भरे घरेलू मैदान में अपना पहला विश्व कप मैच खेलना एक सपने जैसा था। मैं अभी भी उस माहौल को महसूस कर सकता हूं, स्टेडियम कैसा था, लोगों ने कैसी प्रतिक्रिया दी और हमने उस मैच को कैसे जीता। यह मेरे लिए सबसे अच्छा पल था।