भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और स्टार इंडिया के बीच इन दिनों सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। दरअसल, दोनों के बीच मीडिया राइट्स को लेकर टेंशन बढ़ी हुई है। स्टार स्पोर्ट्स ने बीसीसीआई से 130 करोड़ रुपए की छूट की मांग कर दी है। लेकिन यह विवाद कब शुरू हुआ तथा इकसे कारण क्या हैं, यह सबसे बड़ा सवाल है। दरअसल, इन दिनों भारत और श्रीलंका के बीच सीरीज खेला जा रहा है। लेकिन यह विवाद कोरोना वायरस और श्रीलंका सीरीज के दौरान एडवर्टाइजमेंट नहीं मिलने के कारण हुआ है। बताया जा रहा है कि बीसीसीआई की मीटिंग के दौरान स्टार ने मौजूदा सौदा के तहत लगभग 130 करोड़ रुपए की छूट मांगी है। सूत्रों ने कहा कि इस मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई लेकिन बोर्ड ने अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया है।
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स्टार के पास भारत के घरेलू क्रिकेट के राइट्स हैं। इसके लिए स्टार ने 2018-2023 की अवधि को ध्यान में रखते हुए 6138.1 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया था। हालांकि, इसी दौरान कोरोना वायरस का मामला आ गया। इस वजह से कई मैच को भी टालने पड़े। इसी वजह से स्टार ने नुकसान होने का दावा किया है। अब वह 130 करोड़ रुपए की छूट की मांग भी कर रहा है। दूसरी ओर स्टार इंडिया से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि स्टार ने बीसीसीआई से सिर्फ यह कहा है कि बोर्ड करार के अनुसार रकम ले। जिन मैचों को 2020 में नहीं खेला जा सका और उसका आयोजन 2022 में हुआ, उन मैचों के लिए 2020 की दर से भुगतान हो। ऐसे में यह कहना कि स्टार ने ‘छूट’ की मांग है, पूरी तरह से भ्रामक है।
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इतना ही नहीं, भारतीय टीम में जर्सी के प्रायोजक बायजूस ने भी बीसीसीआई की टेंशन बढ़ा दी है। बायजूस चाहता है कि बोर्ड वर्तमान समझौते के तहत उसकी 140 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को भुना ले। बायजूस ने नवंबर में बीसीसीआई को सूचित किया था कि वह भारतीय क्रिकेट टीम के जर्सी प्रायोजन से बाहर निकलना चाहता है। बोर्ड ने हालांकि इस एडटेक कंपनी को कम से कम मार्च 2023 तक करार जारी रखने के लिए कहा था। बायजूस ने जून में लगभग 35 मिलियन डॉलर (लगभग तीन अरब रुपये) के साथ जर्सी प्रायोजन समझौते को नवंबर 2023 तक बढ़ा दिया था। इसमें बीसीसीआई को 140 करोड़ रुपये बैंक गारंटी के माध्यम से भुगतान किए जाने हैं जबकि शेष 160 करोड़ रुपये किश्तों के माध्यम से भुगतान किए जाएंगे।