विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने महत्वपूर्ण 13 वें संशोधन पर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के साथ वार्ता की और देश में अल्पसंख्यक तमिलों को राजनीतिक स्वायत्तता देने से संबंधित कानून की सफलता की कामना की। एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गयी।
मुरलीधरन ने शनिवार को श्रीलंका के 75 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लिया था और उसी शाम को विक्रमसिंघे से भेंट की। इस मुलाकात के दौरान उन्हें देश में 13 वें संशोधन के क्रियान्वयन की स्थिति से अवगत भी कराया गया।
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘ राष्ट्रपति विक्रमसिंघे और भारतीय मंत्री वी मुरलीधरन ने कल अपनी वार्ता के दौरान 13 वें संशोधन के क्रियान्वयन के मुद्दे पर चर्चा की। यह वार्ता श्रीलंका में 13 ए औरजातीय सुलह पर केंद्रित रही तथा भारतीय मंत्री ने इसकी सफलता की कामना की।’’
श्रीलंका में 13 ए तमिल समुदाय को और अधिकार प्रदान करता है।
भारत श्रीलंका पर 13 ए के क्रियान्वयन के लिए दबाव डाल रहा है, जिसे 1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के बाद लाया गया था।
हाल में विक्रमसिंघे ने कहा था कि राष्ट्राध्यक्ष के नाते वर्तमान कानूनों को लागू करना उनका कर्तव्य है। विक्रमसिंघे ने अप्रत्याशित आर्थिक संकट और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच पिछले साल राष्ट्रपति पद संभाला था।
बहुसंख्यक सिंहली समुदाय 13 ए का विरोध करता है और उसका दावा है कि इससे तमिल क्षेत्र पृथक हो जाएंगे।