आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने रविवार को सरकार, धर्म गुरुओं, विधिवेत्ताओं, नेताओं एवं मीडिया से देश में नफरत की आग को बुझाने की कोशिश करने की अपील की। उसने अदालतों से भी कमजोर नागरिकों और अल्पसंख्यकों के ऊपर होने वाले अन्याय का जायजा लेने का अनुरोध किया।
रविवार को यहां नदवतुल उलमा में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक में देश भर से आये सदस्यों ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि बोर्ड ने यह महसूस किया कि देश में नफरत का जहर घोला जा रहा है जो देश के लिए नुकसानदेह है।
बोर्ड ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम और संविधान बनाने वालों ने इस देश के लिए जो रास्ता तय किया था यह उसके बिल्कुल खिलाफ है। उसने कहा कि यहां सदियों से हर धर्म के मानने वाले, विभिन्न जुबानों और सभ्यताओं से संबंध रखने वालों ने देश की खिदमत की है तथा देश को आगे बढ़ाने में बराबर का हिस्सा लिया है, ऐसे में अगर भाईचारा खत्म हो गया तो देश का बड़ा नुकसान होगा।
प्रस्ताव में कहा गया कि इसलिए यह बैठक हुकूमत, मजहबी रहनुमाओं, दानिश्वरों, कानून दानों, सियासी रहनुमाओं और मीडिया के लोगों से अपील करता है कि नफरत की इस आग को बुझाने की कोशिश करें।
एआईएमपीएलबी ने विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा हाल ही में बुलडोजर से आरोपियों के घरों को गिराने की कार्रवाई की ओर इशारा करते हुए उसके खिलाफ भी बैठक में आवाज उठायी।
बोर्ड ने कहा कि बदकिस्मती से देश में कानून पर पूरी तरह अमल किये बगैर मकानों को गिराया जा रहा है और संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करने वालों को गिरफ्तार किया जाता है एवं जुल्म साबित किये बिना वर्षों जेल में डाल दिया जाता है। बोर्ड ने इसकी निंदा करते हुए अदालतों से अपील की कि वे कमजोर नागरिकों और अल्पसंख्यकों के ऊपर होने वाले अन्याय का जायजा लें क्योंकि अदालतें ही अवाम के लिए उम्मीद की आखिरी किरण हैं।