कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार समावेशी विकास के मॉडल का अनुसरण कर रही है जिसका मकसद ‘अमृत काल’ के अगले 25 वर्षों के लिए निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ना है।
गहलोत ने राज्य विधानमंडल की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने पशु संपदा की रक्षा के लिए गौहत्या निषेध अधिनियम लागू किया है।
कर्नाटक की 15वीं विधानसभा का आखिरी सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ।
ग्यारह दिवसीय सत्र के दौरान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई 17 फरवरी को बजट पेश करेंगे, बोम्मई के पास वित्त विभाग भी है। मौजूदा सरकार का यह आखिरी बजट होगा।
राज्यपाल ने कहा कि ऐसे कमजोर, बीमार पशुओं की रक्षा के लिए 100 सरकारी गोशालाओं का निर्माण किया जा रहा है, जिन्हें किसान नहीं पाल सकते।
गहलोत ने गायों में लंपी रोग के बारे में कहा कि ऐहतियात के तौर पर एक करोड़ मवेशियों का टीकाकरण किया गया है।
उन्होंने सरकार द्वारा किसानों और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए उठाये गए कदमों और स्वास्थ्य देखभाल के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।
राज्यपाल ने राज्य की निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू करने के लिए भी सराहना की। गहलोत ने कहा कि किसानों को लाभ पहुंचाने वाली रायता विद्या निधि योजना का विस्तार बुनकरों, खेतिहर मजदूरों और अन्य श्रेणियों के लिए किया गया है।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘मेरी सरकार किसानों, मजदूरों, गरीबों, कमजोर वर्गों और वंचितों के कल्याण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है और विकास के पथ पर अग्रसरहै।’’
उन्होंने कहा कि 2022-23 के दौरान दिसंबर अंत तक 20.19 लाख किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 15,066 करोड़ रुपये का अल्पावधि फसल ऋण वितरितकिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 2022-23 में भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसल नुकसान का सामना करने वाले 14.63 लाख किसानों को 2,031 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।
उन्होंने कहा कि साथ ही, पिछले साल दिसंबर-अंत तक, शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 1,215 करोड़ रुपये स्वयं सहायता समूहों को वितरित किए गए हैं।
गहलोत ने कहा, ‘‘मेरी सरकार समावेशी विकास के मॉडल का अनुसरण कर रही है और मुझे विश्वास है कि यह अमृत काल के अगले 25 वर्षों के दौरान हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित प्रगति के मार्ग पर सफलतापूर्वक अग्रसर होगी।’’
राज्यपाल ने कहा, कर्नाटक देश का पहला और एकमात्र राज्य है जहां ई-कार्रवाई और ई-भुगतान प्रणाली के साथ कोकून ई-बाजारों में पूर्ण नकद रहित और डिजिटल लेनदेन शुरू हो गया है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र ने कर्नाटक को सर्वश्रेष्ठ समुद्री राज्य के रूप में मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में दिसंबर अंत तक 590.92 करोड़ रुपये की लागत से 1,119.08 किलोमीटर सड़कों का विकास किया गया है।
ऊर्जा क्षेत्र में कर्नाटक की उपलब्धि को रेखांकित करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘कोयले की कमी के कारण जहां देशभर के अन्य राज्य बिजली आपूर्ति में गंभीर बाधाओं से जूझ रहे हैं, वहीं मेरी सरकार ने जल, पवन और सौर ऊर्जा स्रोतों से निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की है।’’
राज्यपाल ने कहा कि कर्नाटक को ‘व्यापार में सुगमता में शीर्ष लक्ष्यकर्ता के रूप में स्थान दिया गया था। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में पिछले साल ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट’ में राज्य ने 9.82 लाख करोड़ रुपये का पूंजी निवेश आकर्षित किया था।