महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले में पत्रकार शशिकांत वारिशे की कथित हत्या के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच करेगा। राज्य सरकार ने शनिवार को यह घोषणा की।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस सप्ताह की शुरुआत में वारिशे की हत्या को लोकतंत्र पर हमला करार दिया, जबकि विपक्ष ने दावा किया कि कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर सरकार गंभीर नहीं है।
वारिशे (48) को छह फरवरी को एक एसयूवी ने टक्कर मार दी थी और अगले दिन अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। आरोप है कि उक्त एसयूवी को जमीन डीलर पंढरीनाथ अम्बेरकर चला रहा था।
हत्या के आरोप में गिरफ्तार अम्बेरकर इलाके में प्रस्तावित रिफाइनरी के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को कथित रूप से धमकाया करता था।
अम्बेरकर के खिलाफ वारिशे द्वारा लिखा गया एक लेख घटना की सुबह एक स्थानीय मराठी अखबार में प्रकाशित हुआ था। उक्त घटना मुंबई से लगभग 440 किलोमीटर दूर राजापुर में एक पेट्रोल पंप के निकट हुई थी।
कोल्हापुर में, मुख्यमंत्री शिंदे ने इस हत्या को ‘‘लोकतंत्र पर हमला’’ बताया और संकल्प जताया कि दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
उप मुख्यमंत्री एवं राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आला अधिकारी की अगुवाई में एक एसआईटी मामले में जांच करेगी।
नासिक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि वारिशे की हत्या एक गंभीर मुद्दा है और राज्य में ‘‘दुर्घटना एवं हत्या की घटनाएं बढ़ गई हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाले इसे कितनी गंभीरता से लेते हैं, इसमें संदेह है।’’
शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) नेता संजय राउत ने कहा कि वारिशे की मौत ‘‘राजनीतिक हत्या’’ है और मांग की कि सरकार को उनके परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता राशि देनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की लापरवाही के कारण उनकी मौत हुई। पुलिस पर क्षेत्र में रिफाइनरी लगाने का विरोध करने वालों पर दबाव बनाने की बाध्यता रहती है।’’
राज्यसभा सदस्य ने यह भी दावा किया कि उन्हें इस मुद्दे को नहीं उठाने के लिए कई फोन कॉल आए हैं।
शनिवार को सैकड़ों पत्रकारों ने राजापुर सिटी में वारिशे की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया।
प्रस्तावित रिफाइनरी का विरोध कर रहे बारसू सोलगांव पंचक्रोशी रिफाइनरी विरोधी संगठन के कार्यकर्ता और सामुदायिक संगठन कुणबी समाज के सदस्यों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
प्रदर्शनकारियों ने अन्य बातों के साथ-साथ रिफाइनरी परियोजना को रद्द करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि मामले में आरोपी अंबेरकर ने इलाके में बेची गई जमीनों के 30 से 40 खरीदारों के साथ हर बिक्री पत्र पर अपना नाम लिखा था और इन सभी लेनदेन की जांच होनी चाहिए।
वहीं, स्थानीय पत्रकार की हत्या को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के नेता एवं लोकसभा सदस्य विनायक राउत ने महाराष्ट्र के कोंकण से सांसद केंद्रीय मंत्री नारायण राणे पर निशाना साधा, जिसपर पलटवार करते हुए राणे ने शनिवार को राउत को ‘‘दीमक’’ करार दिया।
भाजपा नेता राणे ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘विनायक राउत कोंकण क्षेत्र के ‘‘दीमक’’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस पत्रकार (वारिशे) से कभी नहीं मिला। मैं उन्हें जानता तक नहीं था।’’
राणे ने यह भी कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत जो कहते हैं उसे वह महत्व नहीं देते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मामले में जांच होने दीजिए, सबकुछ का खुलासा हो जाएगा।’’
राउत ने आरोप लगाया था कि सरकार की लापरवाही के कारण वारिशे की मौत हुई।
इस बीच, राणे ने कहा कि भाजपा कस्बा पेठ और चिंचवड विधानसभा सीट पर आगामी उपचुनाव में जीत दर्ज करेगी।
इन दोनों सीट पर भाजपा के मौजूदा विधायकों के निधन के कारण यहां चुनाव कराना जरूरी हो गया।
रत्नागिरि रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परियोजना को पहले तटीय कोंकण में रत्नागिरि जिले के नानार गांव में बनाया जाना प्रस्तावित था। इसे 2019 के चुनावों से पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन गठबंधन सहयोगी शिवसेना के कहने पर रद्द कर दिया गया था।
केंद्र सरकार ने पिछले साल किसी अन्य स्थान पर इसकी स्थापना का संकेत दिया था।