रामचरितमानस को लेकर विवाद कम होता दिखाई नहीं दे रहा है। रामचरितमानस को लेकर विवाद बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के एक बयान से शुरू हुआ था जिसके बाद समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का भी एक बयान आ गया। इन दोनों बयानों को लेकर लगातार चर्चा जारी थी। इन सब के बीच एक बार फिर से बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर फिर से नया बयान दे दिया है। अपने पहले बयानों को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी तो मैंने 1-2 कहा है, दर्जनों बाकी है और समय आने पर कहता रहूंगा।
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चंद्रशेखर ने कहा कि जो रूढ़िवादी हैं उन्हें सत्य आने पर मिर्ची लगेगा ही। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह 500 वर्ष पहले का जमाना नहीं है, जब आपने सबका महिलाओं और वंचितों को शिक्षा से दूर रखा। अब सब ने पढ़ लिया है। अब संविधान का देश है। बाबा साहब अंबेडकर का देश है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम भी शूद्र हैं, परंतु ज्ञान है। इसलिए आप हमें शिक्षा नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि जहां गाली दी गई है, वह अपमानजनक गाली है। अभी तो मैंने एक-दो कहा है, दर्जनों बाकी है और समय आएगा तो कहूंगा। इसके साथ ही खुद को मिल रही धमकी पर उन्होंने कहा कि हो सकता है एक शेखर का जीभ कटे, कत्ल हो जाए लेकिन हजारों शेखर पैदा होंगे जो जननायक कर्पूरी ठाकुर के रास्ते पर चलेंगे।
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इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि गरीब और पिछड़े समुदाय के लोगों पर जुल्म ढाए गए हैं। उनके खिलाफ साजिश रची गई है। अब हिंदू वाद के नाम पर वोट और चंदा लिए जा रहे हैं। वे लोग गरीबों और पिछड़ों को सम्मान नहीं देना चाहते। उन्होंने दावा किया कि जिन धर्म ग्रंथों में शूद्र को नीचा बताया गया है, आज वही शूद्र पढ़ लिख गया है। अब एकलव्य की संतान अंगूठा नहीं दे रहा बल्कि जवाब देता है। आपको बता दें कि शिक्षा मंत्री ने इससे पहले रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान देते हुए नफरत फैलाने वाला किताब बताया था। इसके बाद रामचरितमानस को लेकर राजनीति गर्म हो गई थी। नीतीश कुमार ने भी उन्हें से इस तरह के बयान नहीं देने की बात कही थी।