Breaking News

West Bengal के दिनहाटा में केंद्रीय मंत्री Nishith Pramanik के काफिले पर हमला

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक ने शनिवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के समर्थकों ने पश्चिम बंगाल में कूचबिहार जिले के दिनहाटा में उनके काफिले पर हमला किया।
हालांकि, राज्य में सत्तारूढ़ टीएमसी ने आरोपों को ‘‘बेबुनियाद’’ करार दिया है।
प्रमाणिक के आवास के पास टीएमसी द्वारा दिन भर धरना दिये जाने के बाद एक हफ्ते के अंदर यह हमला हुआ है।
प्रमाणिक ने दावा किया, ‘‘न सिर्फ मेरे काफिले पर पथराव किया गया, बल्कि गोलियां भी चलाई गईं। बम भी फेंके गये। पूरी घटना पुलिस के सामने हुई और वह मूकदर्शक बनी रही।’’

मंत्री के काफिले पर उस वक्त हमला किया गया, जब वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए एक कार्यक्रम में जा रहे थे।
संपर्क किये जाने पर, केंद्रीय मंत्री ने पीटीआई-को बताया कि भाजपा के कई कार्यकर्ता हमले में घायल हुए हैं।
टीएमसी समर्थकों ने उन्हें काले झंडे दिखाये, जिसके बाद दोनों दलों के समर्थकों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस को स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘‘एक केंद्रीय मंत्री की कार पर इस तरह के हमले से राज्य में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति का पता चलता है।’’
भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यपाल को केंद्रीय मंत्री के काफिले पर हमले का संज्ञान लेना चाहिए और राज्य में अनुच्छेद 355 लागू करने के लिए कदम उठाना चाहिए।
आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने भाजपा की बंगाल इकाई के नेतृत्व पर अपने कार्यकर्ताओं को राज्य के शांतिपूर्ण माहौल में खलल डालने के लिए उकसाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिनहाटा में टीएमसी पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की और हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला किया। उस इलाके के लोग पिछले साल राजवंशी समुदाय के एक युवक की बीएसएफ कर्मियों द्वारा हत्या कर दिये जाने को लेकर गुस्से में हैं। प्रमाणिक उस विभाग के मंत्री हैं।’’
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में कूच बिहार के सिताई इलाके में प्रमाणिक के काफिले पर हमला हुआ था और उस वक्त भाजपा ने घटना में टीएमसी के कार्यकर्ताओं की संलिप्तता का आरोप लगाया था।
हालांकि, सत्तारूढ़ दल ने आरोपों को बेबुनियाद करार दिया था। पुलिस ने भी बांग्लादेश की सीमा से लगे उत्तरी बंगाल के इस जिले में ऐसी कोई घटना होने से इनकार किया था।

Loading

Back
Messenger