रूस और यूक्रेन के बीच बीते एक बरस से जारी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। युद्ध में दोनों देशों को काफी नुकसान पहुंचा है। यूक्रेन को पश्चिमी देशों की तरफ से लगातार सैन्य सहायता प्राप्त हो रही है। रूस की तरफ से ताबड़तोड़ हमले जारी रखा है वहीं जेलेंस्की भी पूरी तत्परता के साथ मैदान में डटे हैं। इन सब के बीच यूरोपीय यूनियन ने 3 मार्च को चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि वो रूस को हथियार मुहैया न कराए। यूरोपीय संघ (ईयू) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर चीन यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस को हथियार मुहैया कराता है तो 27 देशों का संगठन इस बाबत जवाब देगा और प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
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रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार इसे पूरी तरह से “रेडलाइन” करार देते हुए यूरोपीय संघ के अधिकारी ने रूस को हथियारों की आपूर्ति के खिलाफ चीन को चेतावनी दी है। जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ की टिप्पणियों की गूंज, जिन्होंने मास्को को ऐसी सहायता प्रदान करने के खिलाफ बीजिंग को भी चेतावनी दी थी क्योंकि यह यूक्रेन में लड़ना जारी रखता है। जर्मन संसद के एक भाषण में स्कोल्ज़ ने कहा कि हमलावर रूस को कोई हथियार न दें। जबकि चीन ने रूस को हथियार देने के किसी भी इरादे से इनकार किया, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने शुक्रवार को कहा कि सीएनएन के अनुसार, रूस अभी भी रूस को घातक सैन्य सहायता प्रदान करने का कदम उठा सकता है।
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यूरोप के शीर्ष राजनयिक ने यह भी कहा कि जब चीन से रूस का समर्थन करने की बात आती है तो पश्चिम को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि बीजिंग मास्को को घातक हथियार भेजने वाला हो सकता है।