अरुणाचल प्रदेश के मुख्य मंत्री पेमा खांडू ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार असम के साथ दशकों पुराने सीमा विवाद पर किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले राज्य की जनता को विश्वास में लेगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य निनोंग एरिंग की पहल पर प्रश्नकाल के दौरान चर्चा पर सदन में जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों को लेकर असम के साथ विवाद है उनके अध्ययन के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित 12 क्षेत्रीय समितियों ने संबंधित प्राधिकारियों को अपनी-अपनी रिपोर्ट सौंप दी हैं।
उन्होंने कहा कि वह इस मामले को असम के मुख्यमंत्री के समक्ष जल्द ही किसी समय उठाएंगे। खांडू ने कहा, ‘‘किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले, मैं समितियों के साथ दोबारा बैठूंगा ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों की तस्वीर स्पष्ट हो सके। यदि जनता को कोई शिकायत है, तो इसे असम के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।’’
इससे पहले एरिंग ने पूर्वी सियांग जिले में डेइंग एरिंग वन्यजीव अभयारण्य (डीईडब्ल्यूएस) की ओर इंगित किया था जिसका नाम उनके पिता पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि डीईडब्ल्यूएस का कार्यालय एक ऐसे क्षेत्र में है जो फिलहाल असम के नियंत्रण में है।
उन्होंने कहा कि अभ्यारण्य की कम से कम 5000 हेक्टेयर वह भूमि जो अरुणाचल से संबंधित है, उसे दो राज्यों के बीच सीमा निर्धारण की कवायद के दौरान असम को दे दिया गया था।