खुफिया विभाग और सुरक्षा अधिकारियों सहित अफगान तालिबान का एक शिष्टमंडल प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को लेकर पाकिस्तान की आशंकाओं को दूर करने के लक्ष्य से हाल ही में देश के एक गुपचुप दौरे पर आया था। मीडिया में मंगलवार को इस संबंध में खबरें आयी हैं।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से लिखा है, काबुल में तालिबान प्रशासन ने भी इसकी पुष्टि की है कि खुफिया महानिदेशालय (जीडीआई) के प्रमुख अब्दुल्ला गजनवी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल टीटीपी और पाकिस्तान को खतरे के संबंध में बात करने इस्लामाबाद आया था।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के नेतृत्व में पिछले महीने एक उच्चस्तरीय शिष्टमंडल काबुल गया था और उस दौरान भी इन्हीं मुद्दों पर चर्चा हुई थी।
हालांकि, पाकिस्तान का शिष्टमंडल उन कदमों से असंतुष्ट था और उसने ठोस कार्रवाई की मांग की थी। पाकिस्तान ने टीटीपी नेताओं के ठिकानों सहित अन्य साक्ष्यों के साथ अफगान तालिबान के समक्ष अपनी बात रखी थी।
अखबार के अनुसार, इस्लामाबाद दौरे पर अफगान शिष्टमंडल ने संबंधित अधिकारियों से मुलाकात की और सुरक्षा हालात तथा टीटीपी और उससे जुड़े लोगों के भविष्य पर चर्चा की।
काबुल में इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से अखबार ने लिखा है कि तालिबान के खुफिया विभाग के सदस्यों सहित कुल 10 सदस्यीय शिष्टमंडल पिछले सप्ताह इस्लामाबाद आया था।
सूत्रों ने बताया कि जीडीआई अधिकारी मोहम्मद वर्दाक ने शिष्टमंडल की मदद की।
शिष्टमंडल काबुल से यह संदेश देने आया था कि पाकिस्तान की चिंताओं को दूर किया जाएगा।
यात्रा को लेकर दोनों पक्ष मौन हैं। इस्लामाबाद में सूत्रों का कहना है कि मुद्दे की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने मीडिया की नजरों से दूर इसपर चर्चा करने का फैसला लिया है।
काबुल में सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों ने विभिन्न मुद्दों पर कुछ प्रगति की है, लेकिन वह मीडिया को बयान देने का अधिकार नहीं रखते हैं।
टीटीपी पाकिस्तान और अफगान तालिबान के गले की फांस बन गया है।