कट्टरपंथी इस्लामवादी उपदेशक जाकिर नाइक को ओमान से निर्वासित किए जाने की संभावना है। 23 मार्च को नाइक की ओमान यात्रा के दौरान उसे हिरासत में लेने के लिए भारतीय खुफिया एजेंसियां पहले से ही ओमान के अधिकारियों के संपर्क में हैं। नाइक को ओमान में दो व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया है। उनका पहला व्याख्यान “कुरान एक वैश्विक आवश्यकता” ओमान के मंत्रालय और धार्मिक मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया है और रमजान के पहले दिन-23 मार्च को निर्धारित किया गया है। दूसरा व्याख्यान “पैगंबर मुहम्मद ए मर्सी टू ह्यूमनकाइंड” सुल्तान कबूस विश्वविद्यालय में 25 मार्च की शाम को निर्धारित है।
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बता दें कि भारत की तरफ से ओमान सरकार से कहा गया है कि वो जाकिर नाइक को देश का दौरा न करने दे। उसके खिलाफ मलेशिया सरकार के पास प्रत्यर्पण अनुरोध अभी भी लंबित है। स्थानीय भारतीय दूतावास स्थानीय कानूनों के तहत उसे हिरासत में लेने और अंततः निर्वासित करने के लिए एजेंसियों के संपर्क में है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने कहा कि इस बात की प्रबल संभावना थी कि स्थानीय अधिकारी उनके अनुरोध के लिए बाध्य हों और उन्हें हिरासत में लें।
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भारतीय एजेंसियों द्वारा नजरबंदी के बाद अनुवर्ती कार्रवाई के लिए कानूनी टीम भेजने की संभावना है। विदेश मंत्रालय द्वारा मामले को ओमानी राजदूत के साथ उठाया गया था। भारत सरकार एक लंबे वक्त से जाकिर नाइक के पीछे पड़ी हुई है। भारत में जिस वक्त जाकिर के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया और रेड कार्नर नोटिस इश्यू किया गया, उससे पहले ही वो देश छोड़कर मलेशिया भाग निकला और वहां के सरकारी दफ्तरों और आवासीय भवनों वाले वीआईपी इलाके में रह रहने लगा।