स्कॉटलैंड यार्ड की मंगलवार को जारी एक नयी समीक्षा में ब्रिटेन के सबसे बड़े पुलिस बल में संस्थागत नस्लवाद, लिंग आधारित भेदभाव और समलैंगिकों के प्रति पूर्वाग्रह होना सामने आने का उल्लेख किया गया है।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस सेवा के व्यवहार और आंतरिक संस्कृति के मानकों में बैरोनेस केसी रिव्यू का निष्कर्ष है कि बल लंदनवासियों के साथ कदम से कदम मिलाकर नहीं चल पा रहा और वह अपनी क्षमताओं में जनता का विश्वास खो चुका है।
बैरोनेस लुईस केसी द्वारा सालभर की स्वतंत्र जांच के प्रमुख निष्कर्षों से पता चलता है कि कैसे साक्ष्य नष्ट होने के कारण बलात्कार के मामले खारिज हो गए, महिला अधिकारियों को धमकाया गया और मुस्लिम अधिकारियों को लक्षित किया गया।
समीक्षा में कहा गया है, ‘‘हमने बल में संस्थागत नस्लवाद, लिंग के आधार पर भेदभाव और समलैंगिकों के प्रति पूर्वाग्रह पाया।’’
उसने कहा, ‘‘ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिसमें सिख अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। एक अधिकारी ने अपनी दाढ़ी कटवा दी क्योंकि एक अन्य अधिकारी ने सोचा कि यह विचित्र है। एक अन्य अधिकारी ने अपनी पगड़ी जूते के डिब्बे में रख दीक्योंकि उन्हें लगा कि यह अजीब है। जब तक हम अपने अधिकारियों को शिक्षित नहीं करते, ऐसा होगा।’’
रिपोर्ट में पाया गया कि यौन अपराध के मामलों की जांच कर रहे मेट्रोपॉलिटन पुलिस अधिकारियों को ‘‘पीड़ितों के बलात्कार किट सहित सबूतों से भरे, जीर्ण-शीर्ण या टूटे हुए फ्रिज और फ्रीजर’’ की समस्या जूझना पड़ता है। एक फ्रीजर पिछले साल की गर्मी के दौरान खराब हो गया और ‘‘सारे सबूतों को नष्ट करना पड़ा क्योंकि यह अब इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था … और इसका तात्पर्य यह था कि कथित बलात्कार के उन सभी मामले खारिज हो जाएंगे।’’
केसी ने कहा, ‘‘जनता के तौर पर पुलिस से खुद की सुरक्षा करवाना हमारा काम नहीं है। जनता के रूप में हमें सुरक्षित रखना पुलिस का काम है। अब तक बहुत से लंदनवासियों ने ऐसा करने को लेकर पुलिसिंग में विश्वास खो दिया है।’’
ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि मेट्रोपॉलिटन पुलिस में संस्कृति और नेतृत्व की गंभीर विफलताएं हुई हैं और बल की संस्कृति में ‘‘आमूल चूल परिवर्तन’’ की आवश्यकता है।
अभी बहुत कुछ करना बाकी है और अयोग्य अधिकारियों को बाहर करने का मतलब है कि आगे अस्वीकार्य मामले सामने आएंगे।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस आयुक्त सर मार्क राउली ने कहा कि रिपोर्ट शर्म और गुस्से की भावनाओं को जगाती है, लेकिन इसने उनके संकल्प को भी बढ़ाया है।