Breaking News

राहुल गांधी के मामले पर चुप क्यों हैं नीतीश कुमार? बिहार के मुख्यमंत्री के शांत रहने के मायने क्या

सूरत कोर्ट के द्वारा मानहानि के मामले में राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई गई। हालांकि, सुनवाई के दौरान ही राहुल गांधी को जमानत दे दी गई थी। लेकिन सजा 2 साल की होने की वजह से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता चली गई। इसके बाद कांग्रेस जबरदस्त तरीके से केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा पर हमलावर है। कांग्रेस लगातार लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप लगा रही है। राहुल गांधी के मुद्दे पर कांग्रेस को विपक्षी नेताओं का भी साथ मिला। जो ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल लगातार कांग्रेस पर हमलावर रहते हैं, राहुल गांधी के मुद्दे पर पार्टी के साथ खड़े नजर आए। केजरीवाल, ममता के अलावा अखिलेश यादव ने भी राहुल गांधी के मुद्दे पर कांग्रेस के साथ रहे और भाजपा प्रति जबरदस्त तरीके से निशाना साधा।
 

इसे भी पढ़ें: क्यों खतरे में पड़ गई संजय राउत की संसद सदस्यता, कोल्हापुर में दिया था विवादित बयान, अब विशेषाधिकार हनन मामले में दोषी करार

सबकी निगाहें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ही है। बिहार में नीतीश कुमार कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार चला रहे हैं जिसमें कांग्रेस के अलावा सात अलग-अलग राजनीतिक दल शामिल है। लेकिन नीतीश कुमार की ओर से राहुल गांधी के मुद्दे पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इस को लेकर केंद्र की सरकार पर निशाना जरूर साधा है। लेकिन नीतीश की चुप्पी बहुत कुछ इशारा कर रही है। इसको लेकर बिहार के राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा है। इतनी बड़ी घटनाक्रम के बाद विपक्ष के तमाम नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी लेकिन नीतीश कुमार चुप क्यों है? राजद ने तो खुलकर इसका विरोध किया है।
हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब नीतीश कुमार इस तरह के मामलों में चुप्पी साध रखी हो। इससे पहले भी जब लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्यवाही शुरू हुई तो नीतीश कुमार के चुप्पी देखने को मिली। हालांकि, बाद में उन्होंने अपना स्टैंड साफ जरूर किया और कहा कि जब जब राजद हमारी साथ आती है, उन्हें परेशान किया जाता है। इस दौरान उन्होंने 2017 का भी जिक्र किया। हालांकि, ऐसा लगा कि नीतीश कुमार यह बयान गठबंधन धर्म का पालन करने के लिए दे रहे थे। राहुल गांधी के मामले पर बिहार विधानसभा में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस को राजद, वामदल, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के विधायकों का साथ मिला लेकिन नीतीश के पार्टी के विधायक इससे अलग रहे।
 

इसे भी पढ़ें: Rahul Gandhi पर बोले आदित्य ठाकरे, देश में लोकतंत्र खतरे में, जिनके मन में डर होता है, वे ऐसा ही करते हैं

पूरे मामले को लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का बयान आया। ललन सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के संबंध में 24 घंटे के अंदर जिस प्रकार से फैसला लिया गया है वह दर्शाता है कि केंद्र सरकार हताशा में है। लोकतंत्र की प्रक्रिया होती है, कार्ट का फैसला चुनाव आयोग में जाता है। चुनाव आयोग के माध्यम से वे स्पीकर के पास जाता है। ये सारी प्रक्रिया 10 घंटे में करना दिखाता है कि इसमें केंद्र सरकार की भूमिका है। वर्तमान में नीतीश के चुप्पी को लेकर इतना जरूर कहा जा सकता है कि वह परिस्थितियों को देख रहे हैं। कांग्रेस क्या कदम आने वाले दिनों में उठाती है, उसको समझना चाहते हैं। कांग्रेस के रुख को अच्छे से पढ़ना चाहते हैं। हालांकि, इन दिनों नीतीश कुमार का भाजपा के प्रति नरम रुख भी बहुत कुछ बता रहा है। 

Loading

Back
Messenger