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दंगों को लेकर भाजपा के हंगामे के कारण बिहार विधानसभा की कार्यवाही ठप रही

बिहार विधानसभा में सासाराम और बिहारशरीफ में हुए दंगों को लेकर विपक्षी भाजपा के हंगामे के कारण सोमवार को सदन की कार्यवाही ठप रही।
बिहार विधानसभा की आज की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होने पर प्रतिपक्ष के नेता और अन्य भाजपा सदस्य अपनी सीट से खड़े होकर रामनवमी उत्सव के दौरान बृहस्पतिवार शाम से शुरू हुए दंगों का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि इसी कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को रविवार को सासाराम की अपनी यात्रा रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

विपक्षी सदस्यों ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर दंगों में शामिल होने का आरोप लगाया। रविवार को नवादा जिले में एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था कि राज्य में भाजपा के सत्ता में आने पर ‘दंगाइयों को उल्टा लटका दिया जाएगा’ जिसकी सत्ता पक्ष ने आलोचना की।
विपक्ष और सत्तापक्ष के विधायकों के बीच आरोप प्रत्यारोप और हंगामे को देखते हुए अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सत्र के शुरू होने के मात्र 15 मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दोपहर दो बजे सदन कार्यवाही दोबारा शुरू होने के तुरंत बाद भाजपा सदस्यों ने फिर से हंगामा किया जिसके कारण कार्यवाही को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

बिहार में मंगलवार महावीर जयंती के कारण अवकाश रहेगा।
बिहार विधानसभा के भीतर भाजपा सदस्यों ने जय श्री राम के नारे लगाए जबकि उनके समकक्षों ने विधान परिषद के बाहर भगवान राम का विरोध करने वालों पर दंगों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।
रामनवमी की शाम को दोनों शहरों में दंगे भड़क उठे थे जब राज्य भर में जुलूस निकाले गए थे।
बिहार विधान परिषद की कार्यवाही स्थगित किए जाने के पूर्व बिहार के वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चैधरी ने बिहारशरीफ और सासाराम में हुए संप्रदायिक दंगों को लेकर सरकार की ओर से एक रिपोर्ट सदन के पटल पर रखा जिसमें बताया गया है कि आवश्यक निरोधात्मक एवं विधि सम्मत कार्रवाई तथा लगातार नियमित गश्ती एवं फ्लैग मार्च के जरिए मामले को पूरी तरह नियंत्रित कर लिया गया है।

इससे पूर्व अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जे एस गंगवार के अनुसार दोनों दंगा प्रभावित शहरों में सामान्य स्थिति बहाल कर दी गई है हालांकि एक निवारक उपाय के रूप में बलों की अतिरिक्त तैनाती जारी है।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि 130 लोगों को नालंदा जिले में गिरफ्तार किया गया है जबकि 43 को रोहतास जिले में गिरफ्तार किया गया है। दोनों जिलों का मुख्यालय क्रमश: बिहारशरीफ और सासाराम है।
उन्होंने बताया कि दंगों में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि छह अन्य घायल हो गए थे।
रविवार की रात राज्य के पुलिस महानिदेशक आर एस भट्टी ने दंगा प्रभावित बिहारशरीफ का दौरा किया था, जहां एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी।

हालांकि सासाराम अधिक सुर्खियों में रहा था, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी पूर्व निर्धारित यात्रा रद्द कर दी थी।
शनिवार शाम से बिहार में 12 घंटे से अधिक समय बिताने वाले शाह ने नवादा में अपनी निर्धारित जनसभा की जहां उनके भाषण की राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने आलोचना की।
संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आरोप लगाया, ‘‘देश के गृह मंत्री के रूप में यह उनके लिए आवश्यक था कि वे शांति की अपील करते लेकिन उन्होंने इस अवसर का इस्तेमाल चुनावी रूप से स्थिति का फायदा उठाने और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए किया।’’

चौधरी ने कहा, ‘‘क्या उल्टा लटका देंगे जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना देश के गृहमंत्री को शोभा देता है।’’
जद (यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार के लिए राजग के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो जाने संबंधी शाह के बयान का मज़ाक उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि क्या उनके पास पार्टी की ओर से कोई प्रस्ताव आया है।
उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से शाह इस तरह के बयान देकर अपनी बौखलाहट को जगजाहिर कर रहे हैं।

यह दोहराते हुए कि रोहतास और नालंदा के जिला मुख्यालय क्रमशः सासाराम और बिहारशरीफ में स्थिति के पूरी तरह से नियंत्रण में होने का दावा करते हुए चौधरी ने मीडियाकर्मियों से आग्रह किया कि अगर आपके पास कोई भी जानकारी साझा करें जो हमें अधिक अपराधियों की पहचान करने में मदद कर सके।
चौधरी ने कहा, ‘‘यह अच्छी तरह से पता है कि सांप्रदायिकता के प्रति हमारे नेता की नीति कत्तई बर्दाश्त नहीं की है।
उन्होंने यह भी कहा हम नीतीश मॉडल का पालन करते हैं जिसमें किसी को भी झूठे आरोप में नहीं फंसाया जाता है और जो भी गलत काम करता है उसे बख्शा नहीं जाता है।

उन्होंने कहा कि राज्य में साम्प्रदायिक सद्भाव को भंग करने का प्रयास किया गया, लेकिन प्रशासनिक मुस्तैदी ने दंगों को पूरी तरह से रोक दिया।
बिहार के मंत्री ने सदन के अंदर भाजपा विधायकों के आचरण की भी निंदा की और सदन के भीतर संघ पर प्रतिबंध के नारों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल का जिक्र करते चुट ली, ‘‘मैं क्या बोलता, यह प्रतिबंध किसी और ने नहीं बल्कि देश के पहले गृह मंत्री द्वारा लगाया गया था, जिनकी विशाल प्रतिमा को इन लोगों ने अपनी उपलब्धि के रूप में प्रदर्शित किया है’’।

उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जैसे नेताओं द्वारा उठाए गए दंगों की न्यायिक जांच की मांग को भी खारिज कर दिया और पूछा कि घटनाओं के बारे में क्या पता नहीं है कि हमें इस तरह की जांच की आवश्यकता है।
भाजपा और संघ परिवार पर परोक्ष रूप प्रहार करते हुए चौधरी ने चिंता व्यक्त की कि 15-20 वर्ष की आयु के युवाओं को सांप्रदायिकता का जहर पिलाया जा रहा है।

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