पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने सरकार और शीर्ष न्यायपालिका के बीच बढ़ते विवाद के बीच मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार को अपना पद न छोड़ने का निर्देश दिया।
‘दुनिया न्यूज’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, न्यायमूर्ति बंदियाल ने यह कदम उस वक्त उठाया, जब कैबिनेट ने रजिस्ट्रार इशरत अली को स्थापना प्रभाग में रिपोर्ट करने का आदेश दिया। यह विभाग वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले एवं नियुक्ति से संबंधित शीर्ष सरकारी कार्यालय है।
यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ, जब सोमवार को कैबिनेट ने देश की शीर्ष अदालत के वरिष्ठ न्यायाधीश काजी फैज ईसा के उस आदेश का समर्थन किया, जिसके तहत रजिस्ट्रार इशरत अली को हटाने को कहा गया था।
अली ने न्यायमूर्ति बंदियाल का परिपत्र जारी करके न्यायमूर्ति ईसा का गुस्सा भड़का दिया था। ऐसा करके उन्होंने कथित तौर पर न्यायमूर्ति ईसा के 31 मार्च के एक फैसले का निरादर किया था।
प्रधान न्यायाधीश और कुछ न्यायाधीशों के बीच फूट का फायदा उठाते हुए कैबिनेट ने सोमवार की शाम को जल्दबाजी में प्रधानमंत्री के आवास पर आयोजित विशेष बैठक में दो महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार किया, जिसमें से एक एजेंडा न्यायमूर्ति ईसा के अनुरूप उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार को हटाना था।