लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को पहली बार केरल में अपने पूर्ववर्ती निर्वाचन क्षेत्र वायनाड का दौरा किया। सूरत की एक अदालत द्वारा 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में उनकी “सभी चोरों के पास मोदी उपनाम क्यों है” टिप्पणी पर दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद उन्हें लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल 2019 में वायनाड से सांसद चुने गए थे। राहुल गांधी के साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी भी मौजूद रही।
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राहुल गांधी और प्रियंका ने वायनाड में रोड-शो किया। राहुल के इस दौरे को कांग्रेस द्वारा शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है। कांग्रेस ने कहा था कि रोड शो में पार्टी के झंडे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और सिर्फ तिरंगे का इस्तेमाल किया जाएगा। राहुल गांधी ने शहर में अपने निर्धारित रोड शो ‘सत्यमेव जयते’ से पहले कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। रोड शो से पहले केरल कांग्रेस ने वीर सावरकर पर राहुल के बयान वाले पोस्टर हर जगह लगा दिए। पोस्टर में लिखा था, “मैं सावरकर नहीं हूं, मैं माफी नहीं मांगूंगा और न ही भागूंगा।” उद्धव सेना के नेता संजय राउत ने कहा कि सावरकर की टिप्पणी पर मुद्दा सुलझ गया है और राहुल फिर से ऐसी टिप्पणी नहीं करेंगे।
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पार्टी के अनुसार, इसके बाद वे एक और कार्यक्रम ‘कल्चरल डेमोक्रेटिक डिफेंस’ में हिस्सा लेंगे। केरल के सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े कुछ लोगों के भी इसमें शामिल होने की उम्मीद है। राहुल और प्रियंका दोपहर में यहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल, केपीसीसी के अध्यक्ष के. सुधाकरन, मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष पनक्कड़ सैय्यद सादिक अली शिहाब थंगल, एआईसीसी के महासचिव तारिक अनवर और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सतीशन जैसे कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भी यूडीएफ द्वारा आयोजित बैठक में हिस्सा लेंगे। उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें पिछले महीने दोषी ठहराया था तथा और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी।