संयुक्त राज्य अमेरिका और इसके लीक हुए पेंटागन रिपोर्ट के बाद से वो एक अजीब स्थिति का सामना कर रहा है। सोशल मीडिया पर पेंटागन के कई शीर्ष-गुप्त दस्तावेजों के लीक होने पर बाइडेन प्रशासन चौकन्ना हो गया था। सबसे पहले, यह कहा गया था कि लीक हुए अमेरिकी गुप्त दस्तावेज नकली हैं और रूस और यूक्रेन युद्ध में शामिल अन्य देशों में हेरफेर करने के लिए लाए गए। हालांकि, दस्तावेजों में रूसियों के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा सहित कुछ संवेदनशील जानकारी शामिल थी। नतीजतन, संयुक्त राज्य अमेरिका ने बड़े पैमाने पर पेंटागन दस्तावेजों के लीक होने की पुष्टि की और एक गंभीर जांच शुरू कर दी। न्याय विभाग ने कहा कि उसने लीक की जांच शुरू कर दी है और वह रक्षा विभाग के संपर्क में है, लेकिन आगे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पेंटागन के लीक हुए दस्तावेजों के सैकड़ों पन्नों ने जनता के सामने कई संवेदनशील जानकारियां पेश की हैं।
इसे भी पढ़ें: रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद लातिन अमेरिका से सूरजमुखी तेल का आयात बढ़ा: Jaishankar
दस्तावेजों में यूक्रेन, चीन, मध्य पूर्व और अफ्रीका में युद्ध से संबंधित कई विषयों के बारे में जानकारी शामिल थी, जिसमें कई अधिकारियों को संदेह था कि उन्हें एक सहयोगी के बजाय एक अमेरिकी द्वारा लीक किया गया हो सकता है। अब सवाल उठता है कि अमेरिका के खुफिया दस्तावेज किसने लीक किए? वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, पेंटागन पेपर्स लीक करने वाला व्यक्ति 20 वर्षीय कॉलेज छात्र है, जो अमेरिकी सैन्य अड्डे पर काम करता था। हाँ! आपने सही सुना। रिपोर्टों के अनुसार, एक “इंटरनेट माइक्रो-सेलिब्रिटी” पेंटागन दस्तावेज़ लीक घोटाले के केंद्र में है। इस संवेदनशील दस्तावेज़ों को अपने डिस्कॉर्ड चैनल में पोस्ट किया था। 20 वर्षीय उपयोगकर्ता नाम वाओ माओ है। वाओ माओ के डिस्कॉर्ड चैनल के लिए यह पोस्ट असामान्य थी, जो आम तौर पर युवाओं के लिए मीम्स और चुटकुले साझा करने का स्थान है। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने शुक्रवार को लीक की जांच शुरू की।
इसे भी पढ़ें: विकीलीक्स खुलासे के बाद अमेरिका की सबसे बड़ी लीक, जेलेंस्की की जासूसी, साउथ कोरिया पर दबाव
2013 में विकीलीक्स पर हजारों दस्तावेजों के लीक होने के बाद ये लीक अमेरिकी सरकार की सूचनाओं का सबसे नुकसानदायक लीक साबित हो सकता है। पूरे मामले पर अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने मंगलवार को कहा कि देश हाल ही में संवेदनशील सूचनाओं के कथित लीक होने की जांच तब तक करता रहेगा जब तक स्रोत की पहचान नहीं हो जाती।