पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने प्रधान न्यायाधीश की शक्तियों में कटौती से संबंधित विधेयक के खिलाफ याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को सुनवाई की और सत्तारूढ़ गठबंधन एवं न्यायपालिका के बीच बढ़ते विवाद के बीच संघीय सरकार और राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किया।
न्यायालय ने यह कहते हुए सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी कि न्यायाधीशों की उपलब्धता को देखते हुए सुनवाई की तारीख की घोषणा की जाएगी।
डॉन समाचार पत्र की खबर के अनुसार, सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता एक अहम मामला है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि उनके मन में संसद के प्रति काफी सम्मान है।
सर्वोच्च अदालत के आठ न्यायाधीशों की पीठ ने उच्चतम न्यायालय (चलन एवं प्रक्रिया) विधेयक 2023 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। इस विधेयक के प्रावधानों में मामलों का स्वत: संज्ञान लेने एवं पीठों के गठन के प्रधान न्यायाधीश के अधिकारों में कटौती शामिल है।
न्यायालय ने सुनवाई के दौरान राजनीतिक दलों, संघीय सरकार, पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल मंसूर अवान, पाकिस्तान बार काउंसिल (पीबीसी), सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए।