नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के छह सदस्यों के फिर से चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर शहर की महापौर को एक ‘‘समेकित जवाब’’ देने की सोमवार को अनुमति दी।
न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने महापौर शैली ओबरॉय को अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय दिया। इससे पहले उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील ने मामले में पहले से दाखिल जवाब को ‘‘वापस’’ लेने का अनुरोध किया था।
याचिकाकर्ता पार्षद कमलजीत सहरावत और शिखा रॉय की ओर से पेश वकीलों ने इस अनुरोध का विरोध करते हुए कहा कि यह स्थायी समिति के गठन को रोकने की कोशिश है, जो एमसीडी के उचित संचालन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
याचिकाकर्ताओं ने ओबरॉय द्वारा फिर से चुनाव कराने के संबंध में दिए गए आदेश के खिलाफ इस साल उच्च न्यायालय का रुख किया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 25 फरवरी को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए नये सिरे से चुनाव कराये जाने पर रोक लगाते हुए कहा था कि महापौर ने नये सिरे से चुनाव का आदेश देने में प्रथम दृष्टया अपनी शक्तियों से परे जाकर काम किया। यह चुनाव 27 फरवरी को होना था।
बहरहाल, न्यायाधीश ने कहा कि वह केवल कुछ वक्त दिए जाने के अनुरोध पर विचार कर रहे हैं और कहा, ‘‘प्रतिवादी संख्या चार (महापौर) को समेकित जवाब देने के लिए तीन दिन का वक्त दिया जाता है।’’
अदालत ने याचिकाकर्ताओं को महापौर द्वारा दाखिल किए जाने वाले नए जवाब पर प्रत्युत्तर देने की अनुमति दी और मामले पर अगली सुनवाई के लिए तीन मई की तारीख तय की।
महापौर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि वह पहले दिए गए जवाब के बाद हुए कुछ घटनाक्रम के मद्देनजर एक समेकित जवाब देना चाहते हैं।