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‘असम में अब कोई आदिवासी उग्रवादी समूह नहीं है’, DNLA और सरकार के बीच समझौते के बाद बोले अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी और असम सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी के साथ गुरुवार को शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि असम में अब कोई आदिवासी उग्रवादी समूह नहीं है। उन्होंने कहा कि अब असम में एक भी ट्राइबल संगठन ऐसा नहीं है जो हथियार लेकर, कैंप लगाकर जंगलों में रहेगा। इस समझौते के साथ ही सारे ट्राइबल ग्रुप मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं। शाह ने साफ कहा कि असम में अब कोई आदिवासी उग्रवादी समूह नहीं है। 
शाह ने कहा कि दिमासा पीपल्स सुप्रीम काउंसिल और दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी ने हिंसा खत्म करने और दिमासा के लोगों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए असम सरकार के साथ आज ये समझौता किया है। ये मेरी लिए आनंद और संतुष्टि का विषय है। डीएनएलए ने इस महीने की शुरुआत में एकतरफा संघर्ष विराम के विस्तार की घोषणा की थी। संगठन के अध्यक्ष जुहथाई ने असम के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर संघर्षविराम को छह महीने और बढ़ाने के डीएनएलए के फैसले की जानकारी दी थी। सितंबर 2021 को, DNLA ने असम के मुख्यमंत्री की शांति की मांग के जवाब में छह महीने की अवधि के लिए एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की थी।

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