चीन पत्रकारों को सलाखों के पीछे भेजने के मामले में पिछले साल शीर्ष पर रहा। वर्ष 2022 के दौरान 100 से अधिक पत्रकारों को उसने कैद में डाला। यह खुलासा प्रेस आजादी समूह ने किया है।
समूह के मुताबिक यह इसलिए हुआ, क्योंकि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की सरकार ने समाज पर नियंत्रण को और सख्त कर दिया है। ‘रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर’ द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक शी सरकार दुनिया में दुष्प्रचार सामग्री का सबसे बड़ा निर्यातक है।
समूह के प्रेस की आजादी को लेकर जारी वार्षिक सूचकांक के मुताबिक पड़ोसी उत्तर कोरिया के बाद चीन प्रेस की आजादी में नीचे से दूसरे पायदान पर है।
गौरतलब है कि कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा शासित चीन में पहले ही मीडिया पर कड़ा नियंत्रण है और सभी अखबार और टेलीविजन चैनल सरकार के आधिपत्य में हैं।
‘रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर’ ने कहा, ‘‘शी पत्रकारिता के खिलाफ योद्धा की भूमिका निभा रहे हैं।’’बीजिंग ने इंटरनेट पर दुनिया का सबसे कड़ा नियंत्रण स्थापित किया है और चीनी जनता को विदेश में कार्य करने वाले समचार पत्रों, सरकारों और मानवाधिकार एवं अन्य कार्यकर्ता समूह की वेबसाइटों को देखने से रोकती है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीनी सरकार पत्रकारों को जासूसी,राष्ट्रीय सुरक्षा की खुफिया जानकारी लीक करने के लचर आरोप लगाकर अभियोजित कर रही है और विरोधियों को कैद में डालने के लिए इन आरोपों का इस्तेमाल कर रही है। इसी प्रकार अन्य पर निगरानी, धमकी और उत्पीड़न की कार्रवाई करती है।