पिछले कई दिनों से लगातार सुर्खियों में रहने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार शिंदे-फडणवीस सरकार पर उतने हमलावर नहीं लग रहे जितनी की उनकी पार्टी और गठबंधन के नेता लग रहे हैं। अजित पवार ने आज साफ तौर पर कहा कि अगर 16 विधायक भी अयोग्य हो जाते हैं तो भी एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार नहीं गिरेगी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को कोई खतरा नहीं है। उनकी टिप्पणी महाराष्ट्र में पिछले साल के राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ दिनों बाद आई है जिसमें शीर्ष अदालत ने एकनाथ सरकार को बर्खास्त करने से इनकार कर दिया था और अयोग्यता मामले को एक बड़ी बेंच को भेज दिया था।
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कुछ दिनों पहले पवार ने कहा था कि मौजूदा मुख्यमंत्री शिंदे से नैतिक आधार पर इस्तीफा मांगने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि वह पद नहीं छोड़ेंगे। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा लोगों के बीच बहुत बड़ा अंतर है। हम जानते हैं कि वह (एकनाथ शिंदे) सपने में भी इस्तीफा नहीं देंगे। गौरतलब है कि राकांपा नेता का यह बयान पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद नैतिक आधार पर शिंदे के इस्तीफे की मांग के बाद आया है। तत्कालीन राजनीतिक संकट पर आगे बोलते हुए, पवार ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को उस तरह से इस्तीफा नहीं देना चाहिए था जैसा उन्होंने 2021 में दिया था।
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अजित पवार ने शुक्रवार को कहा था कि अगर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष पद से नाना पटोले के इस्तीफे के बाद तुरंत कार्रवाई करती तो पिछले साल अविभाजित शिवसेना में मची उथल-पुथल के बाद 16 विधायकों की अयोग्यता के मामले से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता था। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें यह बात हैरानी करती है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने उस वक्त उन पर निशाना साधते हुए बयान दिया जब उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में शिवसेना में टूट से जुड़े विषय पर अपना निर्णय दिया।