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Pakistan के पूर्व प्रधानमंत्री खान ने पार्टी नेताओं की ‘अवैध’ गिरफ्तारी की निंदा की

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की अवैध गिरफ्तारी और अपहरण की बुधवार को कड़ी निंदा की।
खान ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी और पार्टी महासचिव असद उमर को जेल में रखे एक हफ्ते से ज्यादा वक्त हो गया है।
पाकिस्तान के अर्ध सैनिक बल ‘रेंजर्स’ ने नौ मई को खान को गिरफ्तार किया था जिसके बाद शुक्रवार तक देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इस बीच पीटीआई के नेताओं की गिरफ्तारी की गई।

इन प्रदर्शनों के दौरान कई लोगों की मौत हुई थी और सैन्य तथा सरकारी प्रतिष्ठानों को प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त किया था।
ट्विटर पर साझा किए लंबे बयान में खान ने कहा, “ पूर्व मानवाधिकार मंत्री डॉ. शिरीन मजारी के साथ किए गए व्यवहार और उनकी बेटी पर पुरुष पुलिस अधिकारियों द्वारा किए गए हमले के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है।“
उन्होंने कहा, “ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की ओर से जमानत दिए जाने के बावजूद, डॉ. शिरीन मजारी और सीनेटर फलकनाज चित्राली को अदियाला जेल के अंदर से अगवा कर लिया गया और थाना सचिवालय ले जाया गया, जहां डॉ. शिरीन मजारी की चीखें सुनी गईं।”

खान ने कहा, “ हमारी महिला कार्यकर्ताओं के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार के वीडियो सबूत लगातार सामने आ रहे हैं, जो निंदनीय है।”
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पार्टी की महिला नेताओं, कार्यकर्ताओं और महिला नेताओं और कार्यकर्ताओं के परिवारों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के समक्ष उठाएंगे।
खान (70) ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अगुवाई वाली सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “इस फासीवादी सरकार की ओर से महिलाओं का अपहरण और उनके साथ जैसा सुलूक किया जा रहा है, वह न सिर्फ मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है बल्कि हमारी संस्कृति और इस्लाम की शिक्षाओं के भी खिलाफ है।”

इस बीच ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने खबर दी कि इस्लामाबाद की एक अदालत ने बुधवार को पीटीआई नेता शिरीन मजारी को आरोप मुक्त करने का आदेश जारी किया। इससे पहले उन्हें अदालत के आदेश पर रिहा करने के तुरंत बाद फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था।
खबर के मुताबिक, मजारी को सबूतों के अभाव में रिहा करने का आदेश दिया गया है।

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