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पंजाब की पारंपरिक मार्शल आर्ट गटका को 37वें नेशनल गेम्स में शामिल किया जाएगा। अक्टूबर में होने वाले इन नेशनल गेम्स में खास तौर से इस बार गटका को भी खेला जाएगा। ये फैसला भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने लिया है। प्रदर्शनी खेलों में जीते गए पदकों को पदक तालिका में शामिल नहीं किया जाता है लेकिन गटका के इस साल राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बनने का मतलब है अगले खेलों में उसे प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में शामिल किया जा सकता है।
नेशनल गटका एसोसिएशन के अध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल ने इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इसका इंतजार लंबे समय से था। इस संबंध में भारतीय ओलंपिक संघ और जीटीसीसी के अधिकारियों के साथ भी बैठक की गई है। इस बैठक के बाद ही ये मंजूरी मिली है। अब गटका को राष्ट्रीय खेलों में शामिल किया जाएगा। ये गटका खेल की प्रगति के लिए बड़ा कदम साबित होगा। सभी राज्यों में गटका के खेल को अधिक बढ़ावा दिया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय गटका संघ के अध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा,‘‘ हम इस खेल को आईओए से मान्यता मिलने के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे थे।’’ इससे पहले खेल मंत्रालय ने हरियाणा में 2021 में खेले गए खेलो इंडिया युवा खेलों में गटका और कलारीपयट्टू सहित चार स्वदेशी खेलों को शामिल करने को मंजूरी दी थी। गटका मार्शल आर्ट की एक शैली है जिसमें तीन से लेकर 3.5 फुट लंबी लकड़ी की छड़ियों तथा विरोधी खिलाड़ी से बचने के लिए चमड़े से बनी ढाल का उपयोग किया जाता है।