दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र के अध्यादेश को लेकर दिल्ली के सीएम और आप नेता अरविंद केजरीवाल लगातार विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर सबसे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दिल्ली में मुलाकात की थी। इसके अलावा वह कोलकता गए थे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। फिलहाल वह महाराष्ट्र में हैं। उन्होंने बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की है। इसी दौरान उन्होंने कहा कि वह इस मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।
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केजरीवाल ने कहा कि कल, मैं इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगूंगा। हालांकि, देखना दिलचस्प होगा की कांग्रेस नेताओं की ओर से उन्हें समय दिया जाता है या नहीं। दिल्ली कांग्रेस के कई नेता केजरीवाल को लेकर लगातार अपना विरोध जता रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं से संबंधित केंद्र के अध्यादेश के विषय पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन करने का मतलब पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर जैसे नेताओं के उन विवेकपूर्ण निर्णयों के खिलाफ खड़ा होना होगा जो उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी के संदर्भ में कभी लिए थे। उन्होंने सवाल किया कि अगर दिल्ली के सभी पूर्व मुख्यमंत्री बिना कोई हंगामा किए अपनी भूमिका का निर्वहन करते रहे थे तो केजरीवाल इतनी अव्यवस्था क्यों फैला रहे हैं?
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केंद्र ने आईएएस और दानिक्स कैडर के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए शुक्रवार को अध्यादेश जारी किया। यह उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली में निर्वाचित सरकार को पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाओं का नियंत्रण सौंपने के एक सप्ताह बाद आया। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा था कि जिस तरह से अरविंद केजरीवाल दिल्ली में सरकार चला रहे हैं वह बिल्कुल अत्याचारी और पूरी तरह से बेईमान और भ्रष्ट है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तभी उनके साथ खड़ी हो सकती है जब हम अपने सिद्धांतों और संविधान की अपनी समझ दोनों के साथ विश्वासघात करें। पूर्व कांग्रेस सांसद ने कहा कि दिल्ली के लोगों की भलाई के लिए मैं अपनी पार्टी से गुजारिश करता हूं कि आप को किसी भी तरह से समर्थन देने पर विचार न करें।