भोपाल। उज्जैन के महाकाल लोक गलियारे में लगी सप्तऋषि की मूर्तियों में से छह मूर्तियां गिरने की घटना की न्यायिक जांच के लिए कांग्रेस मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। पार्टी के एक नेता ने रविवार को यह जानकारी दी। उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के पास गलियारे में 28 मई को तेज हवाएं चलने के कारण सप्तऋषि की छह मूर्तियां गिर गई थीं। मध्य प्रदेश लोकायुक्त पुलिस के एक तकनीकी दल ने शनिवार को घटना की जांच शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई/को बताया, ‘‘हम उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए याचिका के साथ तैयार हैं। इसे वरिष्ठ अधिवक्ताओं को आगे बढ़ाने के लिए भेजा गया है। पूरी संभावना है कि हम आने वाले सप्ताह में याचिका दायर कर देंगे।’’
उन्होंने कहा कि वह वर्तमान न्यायाधीश से घटना की न्यायिक जांच का अनुरोध करेंगे। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पार्टी प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार को निशाने पर लेगी। भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्होंने तंज कसा कि इस सरकार ने ‘‘भगवान को भी नहीं बख्शा है।’’ नेता ने आरोप लगाया कि इस घटना से करोड़ों रुपये की लागत से बने गलियारे में मूर्तियों की स्थापना और विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की बू आती है। गौरतलब है कि महाकाल लोक कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में किया था। गलियारे के निर्माण की कुल लागत 856 करोड़ रुपये है, जिसमें पहले चरण में 351 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
गौरतलब है कि मूर्तियां गिरने की 28 मई को हुई घटना के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ ने घटिया निर्माण की जांच की मांग की थी जबकि उनके सहयोगी अरुण यादव ने भाजपा सरकार को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उसका ‘‘भ्रष्टाचार भगवान को भी नहीं छोड़ रहा है।’’ मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया है और इस घटना के लिए तेज हवाओं को जिम्मेदार बताया। एक अधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश लोकायुक्त (भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल) ने घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है और अपनी तकनीकी शाखा से इसकी जांच करने को कहा है।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर महीने 900 मीटर लंबे श्री महाकाल लोक गलियारे के पहले चरण का लोकार्पण किया था। 900 मीटर से अधिक लंबा ‘महाकाल लोक’ गलियारा पुरानी रुद्र सागर झील के चारों और फैला हुआ है। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के क्षेत्र को पुनर्विकास करने की परियोजना के तहत रुद्र सागर झील को पुनर्जीवित किया गया है। गलियारे के लिए दो भव्य प्रवेश द्वार-नंदी द्वार और पिनाकी द्वार बनाए गए हैं। यह गलियारा मंदिर के प्रवेश द्वार तक जाता है तथा मार्ग में मनोरम दृश्य पेश करता है। महाकाल मंदिर के नवनिर्मित गलियारे में 108 स्तंभ बनाए गए हैं।