जर्मन रक्षा मंत्री नई दिल्ली की यात्रा पर हैं। वहीं भारत और जर्मनी को लेकर एक नई खबर सामने आई है। जर्मन और भारतीय कंपनियां भारत में पनडुब्बियों के निर्माण को लेकर डील होने की संभावना है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके जर्मन समकक्ष बोरिस पिस्टोरियस ने मंगलवार को मुलाकात की। राजनाथ सिंह ने पनडुब्बियों का जिक्र किए बिना एक बयान में कहा कि भारत के कुशल कार्यबल और प्रतिस्पर्धी लागत के साथ-साथ जर्मनी की उच्च तकनीक और निवेश संबंधों को और मजबूत कर सकते हैं।
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हिन्दुस्तान टाइम्स ने अधिकारियों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि दोनों देशों के रक्षा मंत्री करीब 43,000 करोड़ रुपये की लागत से छह विध्वंसक पारंपरिक पनडुब्बियों की खरीद की भारत की योजना पर चर्चा कर सकते हैं। इस सौदे के दावेदारों में से एक जर्मनी की थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (टीकेएमएस) है। इंडोनेशिया से भारत आने से पहले पिस्टोरियस ने जर्मनी के सरकारी प्रसारणकर्ता डॉयचे वेले से कहा था कि भारत की लगातार रूसी हथियारों पर निर्भरता जर्मनी के हित में नहीं है।