भारत ने खालिस्तानियों के खिलाफ दूसरे देश में घुसकर एक्शन लेना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत ब्रिटेन से हो चुकी है। वहीं सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमलों की जांच कर सकती है। जांच एजेंसी पहले से ही यूनाइटेड किंगडम में भारतीय उच्चायोग पर हमलों की जांच कर रही है और अब, सूत्रों ने कहा है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) जल्द ही कनाडा और यूएस के मामलों को भी एनआईए को स्थानांतरित करने की संभावना है।
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इस साल मार्च में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने सैन फ्रांसिस्को और कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर हमले के संबंध में दो अलग-अलग प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कीं। कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर हमले के दौरान एक ग्रेनेड भी फेंका गया था, जिसके बाद स्पेशल सेल को इस मामले में यूएपीए और विस्फोटक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ी थी। उसी महीने, संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय उच्चायोग पर इसी तरह का हमला देखा गया था। स्पेशल सेल ने इस मामले में भी यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
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एनआईए की टीम कर रही भारतीय उच्चायोग पर हमले की जांच
खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनों की जांच के लिए एनआईए की पांच सदस्यीय टीम 23 मई को लंदन पहुंची। जिसके दौरान इस साल मार्च में भारतीय उच्चायोग में राष्ट्रीय ध्वज को नीचे उतार दिया गया था। एनआईए की टीम के पास खालिस्तानी लिंक वाले लोगों की एक सूची भी थी, जिसे लंदन में ब्रिटिश अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों को सौंपा जाएगा। यह मामला 18 अप्रैल को गृह मंत्रालय के काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (सीटीसीआर) डिवीजन द्वारा एनआईए को सौंप दिया गया था।