फ्रांस की पुलिस अब फोन समेत अन्य उपकरणों से अपराधों में लिप्त संदिग्ध आरोपियों की जासूसी कर सकेगी। संसद में बहस के बीच कानून विदों ने इस मामले पर अपनी सहमति दे दी है। फ्रांसीसी पुलिस को संदिग्धों के फोन और अन्य उपकरणों के कैमरे, माइक्रोफोन और जीपीएस को सक्रिय करके उनकी जासूसी करने की अनुमति मिल गई है। न्याय सुधार विधेयक के तहत जासूसी प्रावधान को लेकर फ्रारंस में वामपंथी और अन्य अधिकार रक्षकों की ओर से विरोध किया गया था।
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कानून में क्या-क्या प्रावधान
बहस के दौरान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खेमे के सांसदों ने संशोधन भी पेश किए, जिसमें जासूसी प्रावधान के किसी भी उपयोग को न्यायाधीश द्वारा अनुमोदित करने और निगरानी की अवधि 6 माह से ज्यादा न करने की मांग रखी। लैपटॉप, कारों और अन्य जुड़ी वस्तुओं के साथ-साथ फोन को भी कवर करते हुए, यह उपाय कम से कम पांच साल की जेल की सजा वाले अपराधों में संदिग्धों के जियोलोकेशन की अनुमति देगा। आतंकवादी अपराधों के साथ-साथ अपराध और संगठित अपराध के संदिग्ध लोगों की आवाज़ और छवियों को रिकॉर्ड करने के लिए उपकरणों को दूर से भी सक्रिय किया जा सकता है।
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पुलिस फायरिंग में 17 साल के नाहेल की मौत के बाद फ्रांस में फैली अशांति एक हफ्ते बाद कम होती दिख रही है। 30 जून को हुई हिंसा के दौरान रात भर में 3880 लोगों को गिरफ्तार किया है। अपने देश को जलता देख फ्रांस के मूल निवासी सड़कों पर उतर आए हैं। अपने देश को बचाने के लिए फ्रांसिसी लोग शरणार्थियों और प्रवासियों से भिड़ गए हैं। फ्रांस के लोग दंगाईयों से अपने देश की रक्षा करना चाहते हैं।