केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को सबूत मिटाने और गैर इरादतन हत्या से जुड़ी धाराओं के तहत 3 रेलवे कर्मियों को गिरफ्तार किया। रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों रेलवे अधिकारियों की पहचान अरुण कुमार महंत (सीनियर सेक्शन इंजीनियर), मोहम्मद अमीर खान (सेक्शन इंजीनियर) और पप्पू कुमार (तकनीशियन) के रूप में की गई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की यह कार्रवाई बालसोर ट्रेन दुर्घटना के सिलसिले में की गई है जिसमें 290 से अधिक यात्रियों की जान चली गई थी और 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
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सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मोहंता, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद अमीर खान और तकनीशियन पप्पू कुमार को सीआरपीसी की धारा 304 और 201 के तहत गिरफ्तार किया गया है। बालासोर ट्रेन त्रासदी की जांच से अब पुष्टि हो गई है कि सिग्नललैंड दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों की गलती और लापरवाही के कारण 2 जून को दुखद रेल दुर्घटना हुई थी। एक महीने की लंबी जांच के बाद अब सीबीआई ने अपने मामले में गैर इरादतन हत्या और सबूत नष्ट करने से जुड़ी दो कड़ी धाराएं जोड़ी हैं। एजेंसी ने पिछले महीने दायर की गई अपनी पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में इन धाराओं को लागू नहीं किया था, जो ओडिशा पुलिस के मामले का फिर से पंजीकरण था।
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यह गिरफ्तारी रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा बुधवार को बालासोर दुर्घटना पर रेलवे बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंपने के कुछ दिनों बाद हुई। जांच में दो ख़राब मरम्मत कार्यों के कारण दोषपूर्ण सिग्नलिंग पाई गई, जिनमें से एक 2018 में और दुर्घटना से एक घंटे पहले हुआ था, जिसके पीछे कोरोमंडल एक्सप्रेस का दूसरे ट्रैक पर एक मालगाड़ी के साथ टकराव का कारण था। हालांकि, मामले से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, रेलवे ने बालासोर ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना पर सीआरएस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मामले में चल रही सीबीआई की जांच पर कोई “प्रभाव या हस्तक्षेप” न हो।