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मणिपुर पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी है कि मणिपुर सरकार हिंसा प्रभावित राज्य में कृषि कार्य कर रहे किसानों को अधिक सुरक्षा प्रधान करेगी। मणिपुर में पिछले महीने हिंसा हुई थी जिसके बाद से इलाके में लगातार हालात खराब है, जिसपर केंद्रीय गृह मंत्रालय की नजर भी है।
पुलिस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पुलिस महानिरीक्षक आईके मुइवा ने कहा कि चूंकि कृषि मौसम की रोपण अवधि बहुत कम है, पुलिस कृषि कार्य में लगे किसानों को सुरक्षा प्रदान करेगी। आईजीपी ने कहा कि राज्य ने हाल ही में वीआईपी ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों की संख्या कम कर दी है। जिन सुरक्षा कर्मियों को वीआईपी ड्यूटी से हटाया गया है उन्हें अब कृषि गतिविधियों में लगे किसानों को सुरक्षा प्रदान करने में लगाया जाएगा।
हालांकि सुरक्षा दिए जाने को लेकर आईजीपी ने कहा कि किसानों को अपने काम पर जाने से पहले अपने संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी किसान के पास कोई सुरक्षा कवर नहीं है तो उसे खेती के लिए बाहर नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंफाल पश्चिम जिले में किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 822 सुरक्षाकर्मी, इंफाल पूर्व में 290, बिष्णुपुर में 236, थौबल में 147, काकचिंग में 204, कांगपोकपी में 200 और चुराचांदपुर जिले में 300 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। बीते 24 घंटों के दौरान, राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने चुराचांदपुर जिले, बिष्णुपुर और कांगपोकपी जिले के संवेदनशील और सीमांत इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया।
डीजीपी के सामने पुलिसबल को एकजुट रखने की चुनौती
पिछले महीने हिंसाग्रस्त मणिपुर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का दायित्व संभालने के तुरंत बाद राजीव सिंह को राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने, पुलिस बल को एकजुट रखने और उनमें विश्वास पैदा करने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि जातीय झड़पों के बाद 45,000 कर्मियों वाली मणिपुर पुलिस दो गुटों में विभाजित हो गई है। मेइती समुदाय के पुलिस कर्मी सुरक्षा के लिए इंफाल घाटी का रुख कर रहे हैं, जबकि कुकी समुदाय के कर्मी पर्वतीय इलाकों की तरफ जा रहे हैं। पूर्वोत्तर राज्य में मेइती और कुकी समुदाय के सदस्यों के बीच हिंसक झड़पों के बाद तीन मई से ही अशांति व्याप्त है। त्रिपुरा कैडर के 1993 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी सिंह को मणिपुर पुलिस का प्रमुख बनाया गया है। मणिपुर पुलिस पर राज्य में जारी हिंसा से निपटने में नाकाम रहने का आरोप है। पुलिस प्रमुख नियुक्त होने से पहले सिंह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में प्रतिनियुक्ति पर थे। अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस प्रमुख का पद संभालने के तुंरत बाद सिंह ने पाया कि करीब 1,200 कर्मी ड्यूटी से गायब हैं।