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पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत ओर अग्रसर, करीब 35 हजार ग्राम पंचायत सीट जीतीं

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) बुधवार को पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित पंचायत चुनावों में जबरदस्त जीत के करीब पहुंच गई। उसने आधी से अधिक सीट जीत लीं हैं और वह राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अब तक घोषित परिणामों में अपने प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे है।
एसईसी की ओर से बुधवार शाम साढ़े सात बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार तृणमूल ने 34,913 ग्राम पंचायत सीट जीत ली हैं, साथ ही उसके उम्मीदवार 607 सीट पर आगे है।
ग्राम पंचायत की कुल 63,229 सीट के लिए चुनाव हुए हैं।
एसईसी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार सत्तारूढ़ दल की निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 9,722 सीट पर जीत दर्ज कर चुकी है और 150 सीट पर उसके उम्मीदवार आगे हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 2,937 सीट पर जीत दर्ज की है और 67 सीट पर आगे है।

कांग्रेस ने 2,543 ग्राम पंचायत सीट पर जीत दर्ज की तथा 63 अन्य पर आगे है।
सत्तारूढ़ तृणमूल ने पंचायत समिति की 6,430 सीट अपने नाम की, जबकि 195 सीट पर आगे है। भाजपा ने 982 सीट जीती तथा 54 सीट पर आगे है, जबकि माकपा ने 176 सीट जीती और 15 अन्य सीट पर उसे बढ़त हासिल की है और कांग्रेस ने 266 सीट अपने नाम की और छह पर उसके उम्मीदवार आगे हैं। पंचायत समिति की कुल 9,728 सीट के लिए चुनाव हुए थे।
तृणमूल कांग्रेस ने जिला परिषद की कुल 928 सीट में से 674 अपने नाम कर ली है और अन्य 149 सीट पर वह आगे है। भाजपा ने 21 सीट जीती और पांच सीट पर आगे है। माकपा ने दो सीट जीती जबकि कांग्रेस ने छह सीट अपने नाम की और पांच पर उसके उम्मीदवार आगे हैं।
दक्षिण 24 परगना के भांगर में मंगलवार देर रात एक मतगणना केंद्र के बाहर हुई झड़प में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के दो कार्यकर्ताओं सहित तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि मालदा जिले के रामपुर गांव में कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के 24 वर्षीय एक कार्यकर्ता की पीट-पीट कर हत्या कर दी, जबकि कई अन्य घायल हो गए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाओं में लोगों की मौत होने से वह दुखी हैं।
बनर्जी ने कहा कि हिंसा के पीछे जो लोग हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उनकी सरकार ने पुलिस को खुली छूट दे दी है।
उन्होंने कहा, पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाओं में लोगों की मौत होने से मैं दुखी हूं… चुनाव 71,000 बूथ पर हुए, लेकिन हिंसा की घटनाएं 60 से कम बूथ पर हुईं।’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि आठ जून को चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद से चुनाव संबंधी हिंसा में 19 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के थे।
पुलिस सूत्रों ने मरने वालों की संख्या 38 बताई है, लेकिन इस बात से सहमत हैं कि जान गंवाने वालों में से कम से कम 60 प्रतिशत टीएमसी से जुड़े थे।
विभिन्न दलों द्वारा चुनाव में हिंसा और मतपेटियों से छेड़छाड़ के आरोप लगाये जाने के मद्देनजर एसईसी ने 696 सीट पर पुनर्मतदान का आदेश दिया था और सोमवार को इन सीट पर चुनाव कुल मिलाकर शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ था।

सभी दल 2024 लोकसभा चुनाव से पहले इन चुनाव के जरिए देश के इस हिस्से में जनता के संभावित रुख को जानने का प्रयास कर रहे थे।
तृणमूल ने एक ट्वीट में अपनी जीत को ‘‘लोगों की जीत’’ करार दिया और हिंसा का आरोप विपक्ष पर लगाया। पार्टी ने कहा, ‘‘ विपक्षी दलों द्वारा भड़काई गई हिंसा की आग…पंचायत चुनाव के अंत तक जारी है।’’
कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि चुनाव पहले ही एक तमाशा बनकर रह गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आशंका के अनुसार सत्तारूढ़ दल, पुलिस और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच सांठगांठ और जबरदस्त हिंसा के कारण 40 से अधिक लोगों की मौत हुई है। मतगणना के बाद चुनाव बाद हिंसा फैलाई जायेगी।’’
तथ्यान्वेषी दल का नेतृत्व करने के लिए बुधवार को यहां पहुंचे भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा और हत्या की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। इतने सारे लोग मारे गए हैं; इस चुनाव में इतने लोगों की मौत क्यों हुई। हम उत्तर और दक्षिण बंगाल के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बाद में, हम अपनी रिपोर्ट हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा को सौंपेंगे।’’
अधिकारियों ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए लगभग 74,000 सीट पर मतगणना कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार सुबह आठ बजे शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुईं थी।
उन्होंने बताया कि 22 जिलों में 339 स्थानों पर मतगणना जारी थी और इसके बुधवार को संपन्न होने की संभावना है।

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