अगले लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीति तेज हो गई है। भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को कड़ी चुनौती देने के प्रयास में जुटे 26 विपक्षी दलों ने मंगलवार को अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ रखने का फैसला किया। इसके साथ ही सभी दलों ने संकल्प भी लिया कि वो देश के सामने एक वैकल्पिक राजनीति और सामाजिक एवं आर्थिक एजेंडा पेश करेंगे। वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बताया कि आखिर विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन को INDIA का नाम क्यों दिया है।
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कपिल सिब्बल ने कहा कि विपक्ष ने यह नाम (INDIA) इसलिए लिया है, क्योंकि आने वाले महीनों में यह भारत बनाम पीएम मोदी होगा, क्योंकि यहां (विपक्ष) सभी लोग समावेशी भारत के लिए लड़ रहे हैं, जो संविधान में लिखा है और पीएम मोदी विशिष्ट भारत के लिए लड़ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह (पीएम मोदी) किस वंशवादी राजनीति की बात कर रहे हैं। क्या अरविंद केजरीवाल किसी वंश के हैं या अशोक गहलोत किसी वंश के हैं…ये बयान किसी ठोस बात पर आधारित नहीं हैं।
– कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि वे अब एनडीए को याद कर रहे हैं, मुझे उम्मीद है कि उनके एनडीए पार्टनर खुश होंगे कि आखिरकार उन्हें याद किया जा रहा है। पहले वे कहते थे कि हमें एनडीए की ज़रूरत नहीं है, भाजपा अकेले ही काफी है लेकिन अब वे बैठक बुला रहे हैं इसका मतलब है कि कुछ गलत हो रहा है।
– PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आजादी के बाद यह पहली बार है कि जब ज्यादातर राजनीतिक दल एक साथ आने की जरूरत महसूस कर रहे हैं, जैसा अंग्रेजों के समय में हुआ था, क्योंकि मानसिकता एक जैसी है। वे (भाजपा) संविधान को नष्ट कर रहे हैं…आज न केवल आंतरिक बल्कि बाहरी तौर पर भी भारत उथल-पुथल से गुजर रहा है।
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– नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा ने अचानक से NDA के विचार को पुनर्जीवित क्यों किया? वे जो प्रभाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि 2024 में भाजपा जीत रही है वो सच नहीं है। उनका गठबंधन एक जरूरत बन गई है। हम अभी तक जब बैठक करते थे तो भाजपा कहती थी की देखिए, हर कोई एक के खिलाफ है, अभी वे भी गठबंधन कर रहे हैं।…उन्हें अपनी गठबंधन की चिंता करनी चाहिए हमारे गठबंधन की नहीं।