फोन पेन्ह। कंबोडिया में आम चुनाव के लिए रविवार को मतदान होगा, जिसमें विपक्ष के प्रभावी दमन के कारण प्रधानमंत्री हुन सेन और उनकी पार्टी ‘कंबोडियन पीपुल्स पार्टी’ के एक बार फिर जीत दर्ज करने की संभावना है।
एशिया में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले नेता हुन सेन (70) की मजबूत रणनीति के कारण पिछले 38 साल में उनकी पार्टी की ताकत लगातार बढ़ी है, लेकिन उन्होंने इस बार चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री पद अपने सबसे बड़े बेटे हुन मानेट को सौंपने की घोषणा की है।
हुन मानेट (40) ने वेस्ट प्वाइंट स्थित ‘यूएस मिलिट्री अकेडमी’ से स्नातक, न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय ने स्नातकोत्तर और ब्रिटेन की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। वह इस समय कंबोडिया के सेना प्रमुख हैं।
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मानेट के पश्चिमी देशों में शिक्षा हासिल करने के बावजूद विश्लेषकों को ऐसा नहीं लगता कि उनके सत्ता संभालने पर कंबोडिया सरकार की नीति में तत्काल कोई बदलाव आएगा। उनके पिता की नीतियों के कारण कंबोडिया की हाल के वर्षों में चीन के साथ नजदीकियां बढ़ी है।
आलोचकों का कहना है कि विपक्ष के अभाव में हो रहे ये चुनाव देश में लोकतंत्र का मजाक बनाने की तरह हैं।
स्वीडन के एक विश्वविद्यालय में कंबोडिया विषयों के विशेषज्ञ एस्ट्रिड नोरेन-निल्सन ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि किसी को उम्मीद है कि हुन मानेट के प्रधानमंत्री बनने के बाद हुन सेन गायब हो जाएंगे। मुझे लगता है कि वह संभवतः एक साथ मिलकर काम करेंगे और मुझे नहीं लगता कि विदेश नीति सहित उनके राजनीतिक दृष्टिकोण में कोई बड़ा अंतर है।