क्रिकेट को जेंटलमेन्स गेम कहा जाता है। इस बेहद शानदार खेल में कई ऐसे खास लम्हे भी आए हैं जो इतिहास में शामिल हो गए है। क्रिकेट में टेस्ट मैचो में काफी कम मौकों पर बेहद उत्साह देखा जाता है। ये टेस्ट मुकाबले इतने शानदार रहे हैं जिसे देखकर आज भी क्रिकेट फैंस अचंभित हो जाते है। टेस्ट मैच में पांच दिनों तक खेलने के बाद भी कुछ ऐसे रोमांचक मुकाबले हुए हैं जो टाई पर खत्म हुए है। हालांकि मैच टाई होना कोई बड़ी या अनोखी बात नहीं है, मगर क्रिकेट के इतिहास के दो मुकाबले ऐसे हैं जिनके कारण फैंस दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो गए थे।
क्रिकेट इतिहास के मुताबिक ऐसे दो खास मुकाबले हुए हैं जो टाई पर खत्म हुए है, जिनका जिक्र किया जाता है। वर्ष 1960 में पहला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था और दूसरा 1986 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ था, जिसका नतीजा नहीं निकला था। इन मुकाबलों को इतना यादगार इसलिए माना जाता है क्योंकि इन मुकाबलों ने साबित किया है कि क्रिकेट में संभावनाओं की जगह नहीं होती है। ये मैच कभी भी पलट सकता है। ये दोनों ही मुकाबले ऐसे थे जिससे टेस्ट क्रिकेट की अप्रत्याशित प्रकृति उभर कर सामने आई। इस मैच में बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने बेहतरीन उतार चढ़ाव दिखाए थे। इन उतार चढ़ाव से दिखा की मैच में कई नाटकिय मोड़ आ सकते है।
1960 में गाबा में ऑस्ट्रेलिया बनाम वेस्ट इंडीज
क्रिकेट इतिहास में पहला टाई टेस्ट मैच 9-14 दिसंबर 1960 को ब्रिस्बेन क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच भिड़ंत हुई थी। इस मैच में वेस्टइंडीज ने पहली पारी में गैरी सोबर्स के 132 रनों की बदौलत 453 रन बनाए थे। मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 505 रन बनाए, जिसमें नॉर्मन ओ’नील ने 181 और एलन डेविडसन ने 100 रन बनाए। अपनी दूसरी पारी में, वेस्टइंडीज 284 रनों पर आउट हो गई, जिससे ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 233 रनों का पीछा करना पड़ा।
ऑस्ट्रेलियाई टीम को लक्ष्य का पीछा करने में मुश्किल आई। मैच में वेस हॉल ने शानदार गेंदबाजी की और मैच की चौथी पारी में 5 विकेट लिए। मैच में बेहद रोमांच उस समय आया जब ऑस्ट्रेलिया की टीम के तीन विकेट रन आउट हो गए। वहीं आस्ट्रेलियाई को 2 रनों की जरूरत थी और हाथ में सिर्फ एक विकेट था। उस समय इयान मैकिफ एक रन पूरा करने के बाद रन आउट हो गए और मैच टाई हो गया।
ऐसे में ये मैच टाई हो गया। ये ऐसा मैच था जिसमें पूरे मुकाबले में मुकाबला बेहद कड़ा रहा था। दोनों ही टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया था। मैच के दौरान ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने जो आक्रमण किया था, वो शानदार था। वहीं वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों ने दमदार प्रदर्शन किया था। मैच में सोबर्स ने शानदार 146 रन बनाए।
इस मैच की पहली और दूसरी पारी में वेस्टइंडीज के कप्तान फ्रैंक वॉरेल ने 65 रन बनाए थे। इस मैच में एलन डेविडसन ने इतिहास रचा। उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से ही धमाल किया था। उन्होंने मैच में 124 रन बनाए और 11 विकेट चटकाए थे। जानकारी के मुताबिक ये मैच किन्हीं कारणों से पांच की जगह छह दिनों तक खेला गया था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के लिए नॉर्मन ओ’नील का 181 रन सर्वाधिक रन बनाए थे। ऑस्ट्रेलिया के लिए एलन डेविडसन के 87 रन पर 6 विकेट सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी की थी।
1986 में चेन्नई में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ष 1986 में खेला गया मैच भी बेहद रोमांचक मैच था जिसका नतीजा टाई पर निकला था। ये मैच चेन्नई के एमए चिदम्बरम स्टेडियम में 18 से 22 सितंबर 1986 तक खेला गया था। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट के नुकसान पर 574 रन बनाए। इस मैच में डीन जोन्स और डेविड बून ने शानदार खेल दिखाते हुए क्रमश: 210 और 122 रन बनाए। इस मैच में भारत ने 10 विकेट खोकर 397 रन बनाए। इस मैच में कपिल देव ने 119 और रवि शास्त्री ने 62 रन बनाए थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने पांच विकेट के नुकसान पर 170 रन बनाए और पारी घोषित की।
भारत को जीत के लिए कुल 348 रनों की जरुरत थी। मगर टीम 348 की जगह 347 रन ही बना सकी और मैच को बराबरी पर छोड़ा गया। ये मैच भी ऐसा था जब भारत का स्कोर नौ विकेट पर 347 रन था। मैच में सिर्फ एक विकेट था, जब भारत की दूसरी पारी में 5 विकेट लेने वाले मनिंदर सिंह ग्रेग मैथ्यूज की गेंद पर बोल्ड हुए और एक दिन से ये मैच भारत की झोली ने फिसल गया।
सिर्फ 18 रन में बदला पूरा मैच
ये मैच बेहद रोमांचक रहा था, क्योंकि जो दर्शक इस मैच को देख रहे थे वो दांतो तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो गए थे। इस मैच में भारत 330 रन बना चुका था और उसके पास चार विकेट थे। चार विकेट रहते हुए भारत को 18 रनों की जरुरत थी, मगर ऑस्ट्रेलियाई बाएं हाथ के स्पिनर रे ब्राइट ने ऐसे फिरकी फेंकी की भारत के तीन बल्लेबाज उसमें उलझ गए और पवेलियन लौट गए। मैच की अंतिम गेंद ग्रेग मैथ्यूज ने फेंकी और मनिंदर सिंह को एलबीडब्ल्यू आउट दे दिया गया। उस विकेट के साथ, मैथ्यूज ने अपना 5 विकेट पूरा किया और साथ ही ये मैच टाई हो गया।
वर्ष 1986 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टाई हुआ टेस्ट मैच एक रोमांचक मुकाबला था। ये एक ऐसा मुकाबला था जो रोमांच से भरपूर था। बता दें कि इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के लिए डीन जोन्स का 210 रन सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर बनाया था। ये स्कोर आज भी ऑस्ट्रेलिया के लिए किसी खिलाड़ी का सर्वोच्च स्कोर है। मैच में ऑस्ट्रेलिया के ग्रेग मैथ्यूज ने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी की थी। उन्होंने 10 विकेट चटकाए थे और 249 रन दिए थे। इस मैच में भारत की ओर से कपिल देव अकेले खिलाड़ी थे जिन्होंने शतक जड़ा था। रवि शास्त्री ने चौथी पारी में 40 गेंदों में 48 रन बनाकर अच्छा प्रदर्शन किया मगर उनकी इस पारी की बदौलत भी टीम को जीत नहीं मिल सकी।