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एशिया कप के लिए फैंस काफी उत्साहित हैं। 30 अगस्त से शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट में भारत अपना अभियान पाकिस्तान के खिलाफ 2 सितंबर से करेगा। क्रिकेट मैदान पर भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले के लिए दोनों ही देशों के लोग काफी उत्साहित रहते हैं। दोनों ही टीमों के बीच मुकाबला सिर्फ क्रिकेट मैच बनकर नहीं रहता बल्कि एक भावना में बदल जाता है। दोनों ही टीमें क्रिकेट मैदान पर एक दूसरे की सबसे बड़ी प्रतिद्विंदी टीमें मानी जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि, एक वक्त ऐसा भी था जब इंग्लैंड से बदला लेने के लिए पाकिस्तान ने भारत का पूरा साथ दिया था। दरअसल, ये किस्सा एशिया कप से ही जुड़ा है, जहां से एशिया कप की शुरुआत हुई।
साल्वे ने इंग्लैंड से बदला लेने की ठानी
बता दें कि, भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने इस टूर्नामेंट की शुरुआत एक बदले के रूप में की थी। जी हां, दरअसल हुआ यूं कि, साल 1983 में कपिल देव की कप्तानी में जब भारत वर्ल्ड कप जीता और विश्व क्रिकेट में अपना नाम बुलंद किया। इसके एक साल बाद 1984 में एशिया कप की शुरुआत हुई। 25 जून 1983 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल में तत्कालीन बीसीसीआई अक्ष्यक्ष एनकेपी साल्वे को मैदान में एंट्री नहीं मिली थी। साल्वे या मैच स्टैंड से देखना चाहते थे और उनके पास स्टेडियम पास नहीं था। जब किसी देश की टीम पहली बार वर्ल्ड कप फाइनल खेल रही हो और उनके बोर्ड के अध्यक्ष के साथ ऐसा बर्ताव हो तो गुस्सा होना लाजमी है।
साल्वे को ये बात नागवार गुजरी और वो गुस्से से भर गए। लेकिन उन्होंने अपना गुस्सा कुछ अलग अंदाज में जाहिर किया। साल्वे ने उस समय ये ठान लिया था कि अब वो वर्ल्ड कप को इंग्लैंड से बाहर निकालकर ही दम लेंगे। बता दें कि, इंग्लैंड उस समय क्रिकेट का सुपरपावर था। हालांकि, जो साल्वे ने सोचा था वो काम इतना आसान नहीं था। ये बात तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष भी बखूबी जानते थे।
ऐसे हुआ ACC का गठन
लेकिन साल्वे ने इसे अपनी जिद बना दिया। और उनकी इस जिद में उनका साथ पाकिस्तान ने दिया। इसके लिए साल्वे ने पूरा जोर लगाते हुए उस समय के पीसीबी चीफ नूर खान से बात की और उन्हें अपने साथ मिला लिया। इसके बाद श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के हेड गामिनी दिसानायके भी साथ आ गए और 19 सितंबर 1983 को नई दिल्ली में एशियन क्रिकेट कॉन्फ्रेंस (ACC) का गठन किया गया। जो अब एशियन क्रिकेट काउंसिल के नाम से जाना जाता है।
पहला सीजन भारत ने जीता
गौरतलब है कि, ACC में भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के अलावा बांग्लादेश, मलेशिया और सिंगापुर को भी शामिल किया गया था। एसीसी के गठन के पीछे आईसीसी को चुनौती देना था। इस टूर्नामेंट में सिर्फ एशियाई टीमों को ही खेलने की अनुमति थी। एशिया कप का पहला सीजन 1984 में कराया गया। ये पहला सीजन वनडे फॉर्मेट में खेला गया था जिसकी मेजबानी UAE ने की थी जिसे भारत ने जीता था।