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सीनेटर अनवार-उल-हक काकड़ पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त

सीनेट सदस्य अनवार-उल-हक काकड़ को पाकिस्तान में आगामी आम चुनाव होने तक, शनिवार को देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के मुताबिक, निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और भंग की जा चुकी नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद के बीच विचार-विमर्श के अंतिम दिन काकड़ के नाम पर सहमति बनी।
बयान में कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता ने संयुक्त रूप से (काकड़ को नियुक्त करने की) सलाह पर हस्ताक्षर किये और उसे राष्ट्रपति को भेज दिया।’’
काकड़ (52 वर्षीय) बलूचिस्तान प्रांत के एक पश्तून हैं और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के सदस्य हैं। यह पार्टी देश के शक्तिशाली प्रतिष्ठान (सेना) के करीब मानी जाती है।

अपनी प्रथम प्रतिक्रिया में, काकड़ ने ट्वीट किया, ‘‘अल्लाह का शुक्रगुजार हूं,जिन्होंने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्र की सेवा करने का मुझे अवसर दिया। इंशाअल्ला अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा, जो पाकिस्तान के हित में होगा।’’
मीडिया से बात करते हुए विपक्ष के नेता रियाज ने कहा, ‘‘हमने फैसला किया कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री एक छोटे प्रांत से होंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘काकड़ के नाम का सुझाव उन्होंने ही दिया, जिसे मंजूर कर लिया गया।’’
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संविधान के अनुच्छेद 224(1ए) के तहत कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर काकड़ की नियुक्ति की मंजूरी दी।
शहबाज ने परामर्श प्रक्रिया के दौरान सहयोग और पिछले 16 महीने के दौरान विपक्ष के शानदार नेतृत्व को लेकर रियाज का शुक्रिया अदा किया।
पूर्व सूचना मंत्री मरयम औरंगजेब ने भी पुष्टि की कि प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता के बीच चर्चा के दौरान काकड़ का नाम आम सहमति वाले उम्मीदवार के रूप में उभरा।

नेशनल असेंबली नौ अगस्त को भंग किये जाने के बाद, कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने के लिए शहबाज शरीफ और विपक्षी दलों के बीच बैठकों का दौर शुरू हुआ था।
काकड़ 2018 में सीनेट (पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन) के लिए चुने गये थे और वह एक बहुत सक्रिय राजनेता रहे हैं। वह उच्च सदन में आने से पहले बलूचिस्तान प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता भी रह चुके हैं।
काकड़ ने राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है और वह बलूचिस्तान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं।
देश में आम चुनाव 90 दिनों के भीतर होने की उम्मीद है, लेकिन अगर निर्वाचन आयोग नई जनगणना के आधार पर परिसीमन करता है, तो इसमें अधिक समय लग सकता है।
काकड़ जल्द ही पद की शपथ लेंगे और अंतरिम अवधि के दौरान देश में शासन की कमान संभालने के लिए अपना मंत्रिमंडल चुनेंगे।

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