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राज्यसभा में खरगे ने अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी का बचाव किया

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री के लिए ‘नीरव मोदी’ शब्द का इस्तेमाल करने पर उनकी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी का लोकसभा से निलंबन सही नहीं है, क्योंकि ‘नीरव’ का मतलब ‘शांत’ होता है।
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण बृहस्पतिवार को उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया था और उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया।
खरगे ने राज्यसभा में कहा कि जिस आधार पर चौधरी को निलंबित किया गया, वह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि वाद-विवाद के दौरान कुछ टिप्पणियां की जाती हैं।

खरगे ने कहा, ‘‘अगर कोई टिप्पणी असंसदीय है और इससे किसी को ठेस पहुंचती है, तो उस समय आप कह सकते हैं कि यह असंसदीय है और इसका इस्तेमाल करना सही नहीं है।’’
खरगे तब भी बोलते रहे, जब सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह दूसरे सदन का मामला है।
खरगे ने कहा, ‘‘मैं भारत के उपराष्ट्रपति और इस सदन के सभापति के तौर पर आपसे विनती कर रहा हूं। आपको लोकतंत्र की रक्षा करनी है। किसी को इस तरह से निलंबित नहीं किया जाना चाहिए।’’
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चौधरी लोक लेखा समिति, कार्य मंत्रणा समिति और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक एवं केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) की चयन समिति का हिस्सा हैं।


खरगे ने कहा कि इस निलंबन से वह इन सभी संस्थानों से वंचित हो जाएंगे।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कहा, ‘‘इस सदन की परंपरा रही है कि दूसरे सदन के सदस्य के आचरण पर इस सदन में चर्चा नहीं की जाती है। विपक्ष के नेता की टिप्पणियों की जांच की जानी चाहिए और उन्हें कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए।’’
सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी खरगे की टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से हटाए जाने की मांग की।

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