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यादवपुर विश्वविद्यालय के अध्यापक विद्यार्थी की मौत पर चर्चा के लिए सोमवार को करेंगे आपात बैठक

यादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के अध्यापक रैगिंग के बाद स्नातक के एक विद्यार्थी की हुई मौत की घटना पर चर्चा करने के लिए सोमवार को आपात बैठक करेंगे।विश्वविद्यालय में 10 अगस्त को छात्रावास की बालकनी से गिरकर 17 वर्षीय एक विद्यार्थी की मौत हो गयी थी। उसकी रैगिंग में कथित संलिप्तता को लेकर विश्वविद्यालय के दो विद्यार्थियों एवं एक पूर्व विद्यार्थी को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने तस्वीरों समेत यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र के सोशल मीडिया पोस्ट का संज्ञान लिया है, जिससे पता चलता है कि जिस छात्र की मौत हुई है, रैगिंग के दौरान उसका यौन उत्पीड़न भी किया गया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ निश्चित तौर पर छात्रावास में रह रहे पुराने विद्यार्थियों ने उसे परेशान किया। हो सकता है कुछ यौन उत्पीड़न भी किया गया हो। हम मामले की जांच कर रहे हैं।’’

जेयूटीए के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ जिस लड़के की मौत हुई है, वह मेरे बेटे जैसा था, हमने उसकी मौत पर चर्चा के लिए आपात बैठक बुलायी है। यदि हम अध्यापक होने के बावजूद चीजों की अनदेखी करेंगे, तो हमें लोग माफ नहीं करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में इस बात से कोई मदद नहीं मिल सकती है कि कई महीनों से विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति नहीं है तथा निर्वाचित कार्यकारी समिति भी नहीं है तथा तीन डीन के पद भी रिक्त हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने बार-बार कहा था कि प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को वरिष्ठों से अलग पृथक छात्रावास में रखा जाए, लेकिन उसपर ध्यान नहीं दिया गया। यदि ऐसे में कोई रैगिंग का दोषी पाया जाता है, तो निश्चित ही उसके कुछ सहपाठी गुनहगार को बचाने का हरसंभव प्रयास करेंगे। इस परिपाटी पर तत्काल पूर्णविराम लग जाना चाहिए।’’
रॉय ने कहा कि बैठक में यह मांग भी रखा जाएगी कि जिन पूर्व विद्यार्थियों का विश्वविद्यालय से संबंध नहीं है, वे तत्काल छात्रावास छोड़ दें।

एक अन्य अध्यापक ने कहा, ‘‘अतीत में इस छात्रावास में रैगिंग की कई घटनाओं के आरोप सामने आये हैं, लेकिन एक भी मामले में रैगिंग विरोधी समिति और विश्वविद्यालय द्वारा कड़ी कार्रवाई नहीं की गयी। यूनियन सदस्यों ने छात्रावास में सीसीटीवी भी नहीं लगाने दिया।’’ रॉय ने कहा कि सीसीटीवी लगाने जैसे मुद्दों का सावधानीपूर्वक हल करने की जरूरत है, क्योंकि उसमें निजता, विद्यार्थियों की आजादी जैसे मामले शामिल हैं।
एक अन्य अध्यापक मनोजीत मंडल ने कहा कि विद्यार्थी की मौत ‘हत्या से कम’ नहीं है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी प्रोफेसर्स एसोसिएशन परिसर में ‘लाल आतंक के खिलाफ’ सोमवार को रैली निकालेगा।

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