राष्ट्रीय राजधानी की एक विशेष एनआईए अदालत ने देश में प्रतिबंधित इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) की गतिविधियों को बढ़ावा देने के जुर्म में दो व्यक्तियों को बृहस्पतिवार को पांच-पांच साल कैद की सज़ा सुनाई।
अब्दुल बासित और अब्दुल कादिर को आईएसआईएस के साथ संबंध रखने और आईएसआईएस अबू धाबी मॉड्यूल के जरिए भारत विरोधी हिंसक एजेंडे को आगे बढ़ाने को लेकर 12 अगस्त 2018 को गिरफ्तार किया गया था।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआई) के एक प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए की विशेष अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई है।
अधिकारी ने कहा कि दोनों को पांच-पांच साल की जेल की सज़ा सुनाई गई है और दो-दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि एक अन्य मामले की जांच के दौरान गंभीर साजिश का पता चलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए ने 28 जनवरी 2016 को मामला दर्ज कर अपनी छानबीन शुरू की थी।
अधिकारी ने कहा कि एनआईए ने तब तीन भारतीय नागरिकों शेख अज़हर अल इस्लाम सत्तार शेख, मोहम्मद फरहान मोहम्मद रफीक शेख और अदनान हुसैन द्वारा रची गई एक आपराधिक साजिश का पता लगाया था। ये सभी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के सदस्य थे।
प्रवक्ता ने कहा कि इन तीनों लोगों ने अन्य अज्ञात लोगों के साथ मिलकर आतंकी हमलों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने के वास्ते भारत और भारत के बाहर रहने वाले भोले-भाले भारतीय मुस्लिम युवाओं की पहचान कर, उन्हें भड़काने, कट्टर बनाने और प्रशिक्षण देने की साज़िश रची।
अधिकारी ने कहा कि एनआईए ने 25 जुलाई 2016 को तीनों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। 2017 में, तीनों ने एनआईए विशेष अदालत के समक्ष आरोप स्वीकार कर लिए थे।
एनआईए ने कहा कि इन लोगों के बारे में और जांच करने पर पता चला कि अब्दुल बासित भी आईएसआईएस अबू धाबी मॉड्यूल का हिस्सा था। प्रवक्ता ने कहा, वह बड़ी आपराधिक साजिश के तहत संगठन की विचारधारा को सक्रिय रूप से प्रचारित करने में संलिप्त था।”
बासित ने संवेदनशील युवाओं को कट्टरपंथी बनाया और आईएसआईएस में शामिल होने के लिए उकसाया और अदनान हुसैन और अन्य सहयोगियों से धन एकत्र किया।
अधिकारी ने कहा, अन्य आरोपी कादिर मई 2017 में टेलीविजन पर प्रसारित साक्षात्कार देखने के बाद बासित के संपर्क में आया था और वह भी साजिश का हिस्सा बन गया था और आईएसआईएस विचारधारा को बढ़ावा देने में उसकी गतिविधियों का समर्थन करने लगा।