भारत ने श्रीलंका सरकार से तमिलों सहित सभी नागरिकों की मौलिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की पूरी तरह से रक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं के शीघ्र कार्यान्वयन की दिशा में सार्थक तरीके से’’ काम करने का आग्रह किया है।
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत इंद्र मणि पांडे ने सोमवार को कहा, श्रीलंका के एक करीबी पड़ोसी और मित्र के रूप में, भारत ने 2009 से श्रीलंका में राहत, पुनर्वास, और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए उसके (श्रीलंका के) प्रयासों का लगातार समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि भारत हमेशा समानता, न्याय, गरिमा और शांति के लिए तमिलों की आकांक्षाओं का समर्थन करने वाले दो बुनियादी सिद्धांतों द्वारा निर्देशित रहा है।
पांडे ने श्रीलंका में सुलह, जवाबदेही और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के विषय पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (ओएचसीएचआर) के कार्यालय की रिपोर्ट पर एक संवाद सत्र के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि श्रीलंका सरकार समानता, न्याय और शांति के लिए तमिलों की आकांक्षाओं और 13वें संशोधन को लागू करने तथा वहां तमिलों के लिए सम्मान के साथ जीवन सुनिश्चित करने के लिए प्रांतीय परिषद का चुनाव कराने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करेगी।