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कानून मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले विधायक को भाजपा ने निलंबित किया

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले विधायक कैलाश मेघवाल को बुधवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने यह कार्रवाई कैलाश मेघवाल को इस मामले में जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के बाद की।
पार्टी की राज्य स्तरीय अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने बताया, प्रदेश अध्यक्ष ने विधायक (कैलाश) मेघवाल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है और इस प्रकरण को आगे की कार्रवाई पर विचार के लिए (राज्य) अनुशासन समिति को भेजा है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा में यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जबकि आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस को टक्कर देने की तैयारी कर रही है।

शाहपुरा (भीलवाड़ा) से विधायक व विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने 28 अगस्त को केंद्रीय मंत्री पर निशाना साधते हुए उन्हें भ्रष्ट नंबर एक कहा था। इसके एक दिन बाद 29 अगस्त को पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए नोटिस दिया था।
कैलाश मेघवाल ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में पार्टी में अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा, मैं कभी इस पार्टी में हीरो था और आज मैं जीरो हूं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप दोहराए।
राजस्थान और केंद्र सरकार में मंत्री रहे कैलाश मेघवाल (89) ने कहा कि उन्होंने पार्टी के कारण बताओ नोटिस का मंगलवार को जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री पर सात आरोप लगाए हैं।
मेघवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री जी को लिखा है कि न्यायालय में विचाराधीन मुकदमों का फैसला नहीं हो जाता तब तक उनको (अर्जुनराम मेघवाल को) मंत्री पद से हटाया जाए।

मैं उम्मीद करता हूं कि प्रधानमंत्री जी सही निर्णय करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं निर्वाचन आयोग को इस बारे में लिखूंगा कि उनकी लोकसभा सदस्यता खारिज की जाए और खारिज करने के पर्याप्त आधार हैं। अदालत के कई निर्णय हैं इस तरह के… मैं लिखूंगा और इनके ऊपर (2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में) झूठा हलफनामा देने का आरोप है… मैं लगा रहा हूं …उस पर भी कार्रवाई की जाए। मैंने प्रधानमंत्री से यह उम्मीद की है। मैंने विस्तार से प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
उन्होंने दावा किया कि अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज एक मामला 2014 से लंबित है।
एक सवाल के जवाब में कैलाश ने कहा, ‘‘यह चुनावी स्टंट नहीं है। जब इनको कानून मंत्री बनाया गया तब मैं चेता और चेतने का एक कारण और था कि एक भ्रष्ट व्यक्ति कानून मंत्री बने यह देश के लिए उचित नहीं है।

इसलिए मैंने इनके खिलाफ सामग्री एकत्रित करना शुरू कर दिया।’’
पार्टी में अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, मैं कभी इस पार्टी में हीरो था और आज मैं जीरो हूं। चार परिवर्तन यात्राओं में कहीं एक भी जगह आप मुझे देख रहे हो। इसका एक ही कारण है कि अर्जुनराम मेघवाल जी को ज्यादा प्रोत्साहन दे रहे हैं और उन्हें भाजपा में अनुसूचित जाति के नेता के रूप में आगे ला रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे एक बात का अफसोस है कि मेरी पार्टी के लोग महिमामंडन करने के लिए अर्जुन राम की तुलना डॉ आंबेडकर से कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मैं राजनीति में सक्रिय रहूंगा, छोडूंगा नहीं।

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